वो चेहरे: सीमा शर्मा ‘तमन्ना’

सीमा शर्मा ‘तमन्ना’
नोएडा, उत्तर प्रदेश

वो चेहरे जो
ना जाने कितने रूपों में ढलते हैं
कभी बनते, बिगड़ते हैं और
कभी संवरते हैं, किंतु
विडम्बना कैसी आज जो
स्वयं की ही पहचान को तरसते हैं

छाँव में कभी, धूप में परछाई बन
हर किरदार में संग चला करते हैं
कभी हंसते हंसाते छुपा दर्द अपना
कभी न चाहते हुए भी रो लेते हैं

नित पहन और बदल कर जाने क्यूं?
अपने में ही कहीं खो गये हैं
खाकर वक्त के निर्मम थपेड़े
कुछ-कुछ पागल से हो गये हैं

सोचते हैं कि क्या हैं अब वे
और थे पहले क्या वे
पर अफ़सोस
कुछ न याद रहता उन्हें अब
जीवन के इस रंगमंच पे

जाने कितने किरदारों का चोला
रोज पहने और बदलते हैं
फिर नित नई कहानी नया सबेरा
और
एक नए चेहरे पे सज़ा करते हैं