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सुजाता प्रसाद
स्वतंत्रत रचनाकार
शिक्षिका सनराइज एकेडमी
नई दिल्ली, भारत
अपनी खुशी को अभिव्यक्त करना हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। इसलिए हमें हर हाल में खुश रहने का प्रयास करना चाहिए। हमारी सक्रियता हमारे खुश होने में मददगार बनती है। स्वयं को खुश रखना हमारी बुनियादी जिम्मेदारी है, इसके लिए बस हमें ख़ुश रहने की जरूरत है।
धीरे धीरे यह हमारा एक ऐसा गुण बन जाता है जिसे कोई हमसे छीन नहीं सकता। न हमारे आसपास के लोग, ना ही परिस्थितियां। इसलिए परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों मन की खुशी बनाए रखना चाहिए। इसके लिए लाफ्टर थेरेपी भी कारगर होती है। यही कारण है कि देश दुनिया में इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ती जा रही है।
इस विधा के विशेषज्ञों का मानना है कि हंसने से जो खुशी मिलती है, उससे बहुत अच्छा शारीरिक व्यायाम हो जाता है। जब हम हंसते हैं, तब हमारे चेहरे, हाथ, पैर, पेट के साथ पूरे शरीर में हलचल होती है और शरीर की हल्की कसरत भी हो जाती है जिससे उनकी क्रिया में सुधार होता है। इसलिए कहते हैं कि हंसना एक बहुत अच्छा व्यायाम है। जोर से हंसने से श्वसन क्रिया बढ़ती है, चेहरे पर निखार आ जाता है।
विशेषज्ञों का तो यहां तक मानना है कि हंसने से शरीर के आंतरिक अंगों की मसाज हो जाता है। इसलिए हंसना सिर्फ शारीरिक समस्याओं को ही दूर नहीं करता, बल्कि कई प्रकार के मनोविकारों से भी छुटकारा दिलाता है। आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में हम तनाव से बच नहीं सकते, इसलिए हमें जब भी हंसने का मौका मिले तो हंसना जरुर चाहिए। मर्यादा का उल्लंघन नहीं हो रहा हो तो जोर-जोर से भी हंसना चाहिए, जैसा कि आजकल हर पार्क में हास्य योग करते हुए सामूहिक रूप से लोग दिख जाते हैं।
हम यह भी जानते हैं कि अगर मन खुश है, तो हमारे लिए पूरी दुनिया खुश है। इसका मतलब यह है कि जो खुश रहना जानता है, उसके जीवन में सुख ही सुख है, वह अपने दुःख की घड़ियों से भी कुशलता पूर्वक निकल सकता। अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमारा खुश रहना बहुत जरूरी है।