भारत यात्रा पर आए श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद राजपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और श्रीलंका अनादि काल से पड़ोसी भी हैं, और घनिष्ठ मित्र भी हैं। हमारे संबंधों के इतिहास का ताना-बाना संस्कृति, धर्म, आध्यात्म, कला और भाषा जैसे अनगिनत रंग-बिरंगे धागों से बुना गया है।चाहे सुरक्षा हो या अर्थव्यवस्था या सामाजिक प्रगति, हर क्षेत्र में हमारा अतीत और हमारा भविष्य एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। श्रीलंका में स्थायित्व, सुरक्षा, और समृद्धि भारत के हित में तो है ही, पूरे हिन्द महासागर क्षेत्र के हित में भी है और इसलिए, इंडो-पेसिफ़िक क्षेत्र में भी शांति और खुशहाली के लिए हमारा घनिष्ठ सहयोग बहुमूल्य है। हमारी सरकार की Neighbourhood First नीति और सागर डॉक्ट्रिन के अनुरूप हम श्रीलंका के साथ संबंधों को एक विशेष प्राथमिकता देते हैं। क्षेत्रीय सुरक्षा और विकास के लिए भारत के साथ मिल कर काम करने के श्रीलंका सरकार के संकल्प का हम स्वागत करते हैं।
आज प्रधानमंत्री राजपक्ष और मैंने हमारे द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलूओं और आपसी हित के अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। आतंकवाद हमारे क्षेत्र में एक बहुत बड़ा ख़तरा है। हम दोनों देशों ने इस समस्या का डट कर मुकाबला किया है। पिछले साल अप्रैल में श्रीलंका में ईस्टर डे पर दर्दनाक और बर्बर आतंकी हमले हुए थे। ये हमले सिर्फ़ श्रीलंका पर ही नहीं, पूरी मानवता पर भी आघात थे और इसलिए आज की हमारी बातचीत में हमने आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपना सहयोग और बढ़ाने पर चर्चा की। मुझे इस बात पर प्रसन्नता है कि भारत के प्रमुख ट्रेनिंग संस्थानों में आतंकवाद विरोधी कोर्सेज में श्रीलंका के पुलिस अधिकारियों ने हिस्सा लेना शुरू किया है। दोनों देशों की एजेंसीज के बीच संपर्क और सहयोग को और अधिक मजबूत करने के लिए भी हम प्रतिबद्ध हैं।