प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज लोकसभा में राष्ट्रपति के सम्बोधन पर धन्यवाद प्रस्ताव में कहा कि संविधान के अनुच्छेद-370 के समापन से देश के शेष हिस्से के साथ जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह जोड़ना सम्भव हुआ है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को भारत का मुकुट-मणि बताते हुए कहा कि सभी मतों तथा सूफी परम्परा के प्रति सर्व-धर्म समभाव ही जम्मू-कश्मीर की असली पहचान है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र को अनदेखा नहीं किया जा सकता, जो बंदूकों, बमों, आतंक तथा अलगाववाद से छलनी है। उन्होंने 19 जनवरी 1990 की चर्चा करते हुए कहा कि बहुत-से लोगों को अपनी पहचान गंवानी पड़ी, क्योंकि उन्हें जम्मू-कश्मीर से निकाल दिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्र की स्थिति के बारे में विस्तारपूर्वक बताया कि जम्मू-कश्मीर के लोगों में पूर्ण विश्वास के साथ संविधान के अनुच्छेद-370 का समापन किया गया है तथा इस क्षेत्र का विकास काफी तेजी से हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र पर लगाये गए प्रतिबंधों को हटाया जा रहा है और केन्द्रीय मंत्री इस केन्द्रशासित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जाकर लोगों से प्रत्यक्ष रूप से विचार ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार निश्चित तौर पर उन विचारों के आधार पर काम करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों के कल्याण तथा इसके चहुमुखी विकास के लिए काम करने के प्रति समर्पित है। उन्होंने कहा कि लद्दाख को एक कार्बन-मुक्त केन्द्रशासित प्रदेश के रूप में विकसित किया जाएगा
लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने आश्वस्त किया है कि नागरिकता संशोधन कानून से कोई भारतीय नागरिक प्रभावित नहीं होगा। नागरिकता संशोधन कानून पर विस्तार से बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सदन को आश्वस्त किया कि इस कानून का देश के किसी भी नागरिक पर कोई असर नहीं पड़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में इस कानून पर पूर्ववर्ती सरकार के रूख का भी जिक्र किया और कहा कि पिछली सरकार भी ऐसा ही कानून लाने के हक में थी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का हवाला देते हुए कहा कि वह पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत में शरण देने के लिए नागरिकता कानून में संशोधन के हक में थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल देश में विभाजन के पाकिस्तानी एजेंडो को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने से कोई भी भारतीय नागरिक चाहे वह किसी भी धर्म या सम्प्रदाय का हो, प्रभावित नहीं होगा।