अपने इस्तीफे पर अड़े राहुल गांधी ने बुधवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर एक चार पेज का पत्र पोस्ट कर कांग्रेस नेताओं से नया अध्यक्ष चुनने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात है, जिसका मूल्य और विचार हमारे खूबसूरत देश में रचे-बसे हैं। मैं विनम्रतापूर्वक और प्रेम भाव के साथ राष्ट्र और संगठन का ऋणी और आभारी हूं। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद 25 मई को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि सीडब्ल्यूसी ने उनका इस्तीफा सर्वसम्मति से खारिज कर दिया था। उसके बाद पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं द्वारा राहुल गांधी से पद पर बने रहने का आग्रह करते हुए उनको मनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन राहुल गांधी अपने इस्तीफे पर अड़े हुए हैं।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि कांग्रेस पार्टी की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात है। कांग्रेस के मूल्यों एवं आदर्शों ने देश के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई है। मैं देश का ऋणी हूं। 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के लिए मैं पार्टी अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदार हूं। भविष्य में पार्टी की बेहतरी के लिए जवाबदेही अहम है। इसी के चलते मैंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। पार्टी को नए सिरे से खड़ा करना के लिए सख्त फैसले लेने पड़ते हैं और 2019 की हार के लिए कई लोगों को जिम्मेदार ठहराना पड़ेगा। मुझसे नए अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए कहा गया लेकिन यह सही नहीं होगा। मुझे विश्वास है कि पार्टी अपने नए अध्यक्ष के लिए सर्वश्रेष्ठ फैसला करेगी। नए अध्यक्ष पद के चुनाव प्रक्रिया में मेरा सहयोग रहेगा। मेरी लड़ाई केवल राजनीतिक सत्ता के लिए नहीं रही है। भाजपा के लिए मेरे मन में गुस्सा और नफरत नहीं है बल्कि उसके आइडिया ऑफ इंडिया का मेरे रक्त का हर कतरा विरोध करता है। भाजपा के साथ हमारी लड़ाई नई नहीं है। बल्कि विचारों की यह लड़ाई हजारों वर्षों से इस धरती पर लड़ी गई है। देश के सौहार्दपूर्ण ताने-बाने को नष्ट करने के लिए आज संविधान पर हमले हो रहे हैं। मैं इस लड़ाई से किसी भी तरह पीछे नहीं हट रहा हूं। मैं कांग्रेस पार्टी का वफादार सिपाही और देश का समर्पित बेटा हूं। मैं अपनी अंतिम सांस तक देश की सेवा करता रहूंगा। हमने गरिमापूर्ण चुनाव लड़ा। हमारा चुनाव भाईचारे, सहिष्णुता और भारत के सभी लोगों, धर्मों एवं समुदायों के लिए था। मैंने प्रधानमंत्री, आरएसएस और उनके संस्थानों से लड़ाई लड़ी। मैंने ये लड़ाई लड़ी क्योंकि मैं भारत से प्रेम करता हूं। भारत का निर्माण जिन मूल्यों से हुआ है, मेरी लड़ाई उन मूल्यों के लिए थी। पार्टी के लोगों से मुझे प्रेम और मर्यादा सीखने को मिली है। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए देश की संस्थाओं की निष्पक्षता जरूरी है। एक स्वतंत्र मीडिया, आजाद न्यायपालिका एवं पारदर्शी चुनाव आयोग के बगैर कोई चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकता। 2019 का चुनाव हमने किसी एक राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं लड़ा बल्कि हमारी लड़ाई देश की समूची सरकारी मशीनरी से थी। यह स्पष्ट हो गया है कि देश में हमारी संस्थाओं की निष्पक्षता अब नहीं रह गई है। देश के संस्थागत ढांचे को अपने कब्जे में लेने का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जो लक्ष्य था, उसने उसे हासिल कर लिया है। इससे किसान, बेरोजगार युवक, महिलाएं, आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक को सर्वाधिक पीड़ा होने जा रही है। हमारे देश की अर्थव्यवस्था एवं प्रतिष्ठा पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। सच्चाई के प्रकाश के आगे कोई भी प्रोपगैंडा छिप नहीं सकता है। देश को अपनी संस्थाओं को पुनर्जीवित और उसे दोबारा अपने पुराने स्वरूप में लाने के लिए एकजुट होना होगा। संस्थाओं को पुनर्जीवित करने में कांग्रेस पार्टी बड़ी भूमिका निभाएगी। इस अहम लक्ष्य को पाने के लिए कांग्रेस पार्टी को खुद में आमूलचूल बदलाव करना होगा।
It is an honour for me to serve the Congress Party, whose values and ideals have served as the lifeblood of our beautiful nation.
I owe the country and my organisation a debt of tremendous gratitude and love.
Jai Hind 🇮🇳 pic.twitter.com/WWGYt5YG4V
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 3, 2019