सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने राष्ट्रीय महत्व के मामलों की अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण की अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने निर्णय सुनाया कि अब अदालत में होने वाली सभी कार्यवाही का लाइव प्रसारण होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसकी शुरुआत सुप्रीम कोर्ट से होगी और इसके लिए नियमों का पालन किया जाएगा।
पीठ का कहना है कि वह अदालतों में भीड़भाड़ को कम करने के लिए खुली अदालत की परिकल्पना को लागू करना चाहती है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने निर्णय सुनाते हुए कहा है कि इस प्रक्रिया की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट से होगी। कोर्ट ने कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग के आदेश से अदालत की कार्यवाही में पारदर्शिता आएगी और यह लोकहित में होगा। पीठ ने कहा कि अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग से पारदर्शिता बढ़ेगी और यह ओपन कोर्ट का सही सिद्धांत होगा। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि अयोध्या और आरक्षण जैसे मुद्दों की लाइव स्ट्रीमिंग नहीं होगी, इस दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम खुली अदालत को लागू कर रहे हैं। ये तकनीक के दिन हैं, हमें पॉजीटिव सोचना चाहिए और देखना चाहिए कि दुनिया कहां जा रही है। कोर्ट में जो सुनवाई होती है, वेबसाइट उसे कुछ देर बाद ही बताती हैं, इसमें कोर्ट की टिप्पणी भी होती हैं। साफ है कि तकनीक उपलब्ध है, हमें इसका इस्तेमाल करना चाहिए। वहीं आज इस खास बैठक में जस्टिस ने बड़ा फैसला सुनाया है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 24 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।