भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के नए सर्कुलर के अनुसार अब स्वास्थ्य बीमाधारक अपनी पसंद का थर्ड पार्टी ऐडमिनिस्ट्रेटर (टीपीए) चुन सकेंगे। बीमाधारक बीमा पॉलिसी लेते वक्त या उसका रिन्यूअल कराते वक्त अपनी पसंद का टीपीए चुन सकेंगे।
इरडा की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बीमाधारक उस टीपीए को चुन सकते हैं, जिसके साथ बीमा कंपनी का सर्विस लेवल एग्रीमेंट है। स्वास्थ्य बीमा उत्पाद और बीमा धारक की भौगोलिक स्थिति के आधार पर बीमा कंपनी टीपीए की संख्या सीमित कर सकती है। बीमाधारक को अपनी पंसद का उन्हीं टीपीए में से किसी को चुनने का विकल्प रहेगा। बीमा कंपनी बीमाधारक को पॉलिसी खरीदते या रिन्यूवल कराते वक्त टीपीए की सूची सौंपेगी, जिनमें से बीमा खरीददार किसी टीपीए को चुन सकेगा।
इरडा ने अपने सर्कुलर में कहा है कि अगर बीमा कंपनी बीच में किसी टीपीए की सेवा खत्म करती है, तो उसे सभी टीपीए की सूची बीमा धारकों उपलब्ध कराना होगा। इसके अलावा स्वास्थ्य बीमा उत्पाद की बिक्री या रिन्यूवल के समय कंपनी बीमा धारक को टीपीए की सूची उपलब्ध कराएगी। उसी के आधार पर बीमा धारक किसी टीपीए को चुन सकेंगे। हालांकि बीमा धारक किसी टीपीए की सेवा खत्म नहीं करा सकेगा और ना ही कंपनी को सीधे स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए निवेदन कर सकता है। इसके अलावा सर्कुलर में कहा गया है कि अगर किसी बीमा धारक ने किसी टीपीए का चयन नहीं किया है तो बीमा कंपनी बीमाधारक को अपनी पसंद का टीपीए चुनने की स्वीकृित दे सकती है तथा अगर किसी बीमा कंपनी के साथ केवल एक ही टीपीए जुड़ा हुआ है, तो बीमा धारक को कोई विकल्प देने की जरूरत नहीं होगी।
थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर (टीपीए) का कार्य स्वास्थ्य बीमा के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, एक टीपीए बीमा कंपनी और बीमा धारक के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाता है। इसका काम अस्पताल के बिल और दूसरे खर्चों पर नज़र रखना होता है।