एक राष्ट्र एक राशन कार्ड की ओर आगे बढ़ना, राशन कार्डों के केंद्रीय संग्रह के माध्यम से पीडीएस प्रबंधन बेहतर होगा तथा इसकी सहायता से नकली कार्डों पर रोक लगेगी और राष्ट्रीय पोर्टेबलिटी के तहत लाभार्थी देश के किसी भी हिस्से में पीडीएस सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकेंगे, उक्ताशय की बात केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने एक बैठक के दौरान कही।
उन्होंने खाद्य सुरक्षा कानून को कुशलता के साथ लागू करने, कम्प्यूटरीकरण, पारदर्शिता एवं एफसीआई, सीडब्ल्यूसी तथा एसडब्ल्यूसी के सभी डिपो को डिपो ऑनलाइन प्रणाली (डीओएस) के साथ जोड़ने पर विचार-विमर्श किया।
उन्होंने कहा कि खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा किया गया कार्य बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लाभान्वितों के लिए जीवन-रेखा है। 612 लाख टन अनाज प्रतिवर्ष 81 करोड़ लोगों में वितरित किया जाता है। उन्होंने कहा कि अनाजों की खरीद से लेकर इसके वितरण तक में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग पूरी प्रक्रिया की कार्यकुशलता को बढ़ाएगा। इससे भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम के सभी भंडारों तथा केंद्रीय भंडारण निगम के 144 भंडारों में डिपो ऑनलाइन प्रणाली (डीओएस) लागू किया जा चुका है। एफसीआई की खाद्यान्न खरीद प्रक्रिया को भी ऑनलाइन किया गया है।
रामविलास पासवान ने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि एफसीआई और राज्यों के बीच सूचनाएं ऑनलाइन साझा की जानी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि अनाज की कितनी मात्रा बाजार से खरीदनी है, किस भंडार में और कितने समय तक अनाज को रखना है और इसे कब वितरित किया जाना है। अन्न वितरण पोर्टल पर ये जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए।
बैठक में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड से संबंधित निर्णय लिया गया है। इस सुविधा से लाभार्थी देश के किसी कोने के सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान से अनाज प्राप्त कर सकता है। यह योजना आन्ध्र प्रदेश, गुजरात,हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा में लागू है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग एक राष्ट्र एक राशन कार्ड का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।