भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने आज सुबह 8:50 बजे विक्रम लैंडर को सफलतापूर्वक डी-ऑर्बिट किया। अब विक्रम लैंडर अपने ऑर्बिटर से विपरीत दिशा में चक्कर लगाएगा।
इसरो के अनुसार चंद्रयान-2 से अलग होने के बाद करीब 20 घंटे से विक्रम लैंडर अपने ऑर्बिटर की कक्षा में ही चक्कर लगा रहा था। लेकिन चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने से पहले तक विक्रम लैंडर करीब 2 किमी प्रति सेकंड की गति से चाँद के चारों तरफ ऑर्बिटर के विपरीत चक्कर लगाएगा।
इसरो से प्राप्त जानकारी के अनुसार मौजूद प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग करते हुए यह टेस्टिंग की गई। विक्रम लैंडर की ऑर्बिट 104 kmx128km है। चंद्रयान-2 ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में लगातार ऑर्बिट कर रहा है। ऑर्बिटर और विक्रम लैंडर दोनों ही स्वस्थ हैं। अब अगली डि-ऑर्बिटिंग प्रक्रिया कल बुधवार 4 सितंबर को प्रातः 3:30-4:30 बजे के बीच की जाएगी।
#ISRO
The first de-orbit maneuver for #VikramLander of #Chandrayaan2 spacecraft was performed successfully today (September 03, 2019) at 0850 hrs IST.For details please visit https://t.co/K5dS113UJL
Here's view of Control Centre at ISTRAC, Bengaluru pic.twitter.com/Ddeo2URPg5
— ISRO (@isro) September 3, 2019