रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में 35 बेसिस पॉइंट की कटौती की घोषणा की है। आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में भी 35 बेसिस पॉइंट की कटौती की है, जिसके बाद रेपो रेट 5.40 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 5.15 प्रतिशत हो गया है। पहले रेपो रेट 5.75 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 5.50 प्रतिशत रहा। इस घोषणा के बाद 2019 में अब तक रेपो रेट में 1.10 प्रतिशत की कटौती हो चुकी है।
आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में एनबीएफसी को पूंजी उपलब्धता को लेकर भी निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही आरबीआई ने अर्थव्यवस्था की विकास दर का अनुमान घटाकर वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 7 प्रतिशत से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है।
आरबीआई के गवर्नर शशिकांत दास ने मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक के बाद बताया कि आरबीआई ने बैंकिंग फ्रॉड से निपटने के लिए नया कदम उठाया है। रिजर्व बैंक ने आज मॉनिटरी कमेटी की बैठक में निर्णय किया की वो सेंट्रल पेमेंट फ्रॉड इंफोर्मेशन रजिस्ट्री बनाएगी। अभी सभी तरह के बैंकिंग फ्रॉड सेंट्रल फ्रॉड मॉनिटरींग सेल के पास रिपोर्ट होते हैं। रिजर्व बैंक ने कहा कि डिजिटल पेमेंट के आने से पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन भी बढ़े हैं। इस कारण से फ्रॉड रिस्क मॉनिटरिंग बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। बैंक का पेमेंट सिस्टम विजन 2021 के तहत पेमेंट सिस्टम में फ्रॉड के डेटा कलेक्ट करने का लक्ष्य बनाया गया है। उन्होंने कहा कि पेमेंट सिस्टम विजन 2021 डॉक्यूमेंट के अनुसार दिसंबर 2019 से रिजर्व बैंक एनईएफटी सिस्टम को 24 घंटे उपलब्ध रखेगा। उम्मीद की जा रही है कि इससे देश के रिटेल पेमेंट सिस्टम में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।
Third Bi-monthly Monetary Policy Statement, 2019-20 Resolution of the Monetary Policy Committee (MPC) Reserve Bank of Indiahttps://t.co/8hinXIUgt2
— ReserveBankOfIndia (@RBI) August 7, 2019