इसरो के वैज्ञानिकों ने आज बुधवार को तड़के 3:45 बजे विक्रम लैंडर की डी-ऑर्बिटिंग सफलतापूर्वक पूर्ण की। इस प्रक्रिया में ऑनबोर्ड प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग किया गया और इस पूरी प्रक्रिया की अवधि 9 सेकंड थी। विक्रम लैंडर की कक्षा 35 किमीx101 किमी है। वहीं चंद्रयान-2 ऑर्बिटर 96 किमीx125 किमी की कक्षा में चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है।
इसरो के अनुसार ऑर्बिटर और लैंडर दोनों स्वस्थ हैं। इस प्रक्रिया के साथ ही इसरो विक्रम लैंडर को उसकी कक्षा से चंद्रमा की सतह पर उतारने के लिए एक कदम और आगे बढ़ गया है। विक्रम लैंडर को 7 सितंबर को भारतीय समयानुसार मध्यरात्रि 1 से 2 बजे के बीच चाँद की सतह पर उतारने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसके बाद मध्यरात्रि 1:30 से 2: 30 बजे के बीच लैंडर चाँद की सतह पर उतरेगा।
#ISRO
The second de-orbiting maneuver for #Chandrayaan spacecraft was performed successfully today (September 04, 2019) beginning at 0342 hrs IST.For details please see https://t.co/GiKDS6CmxE
— ISRO (@isro) September 3, 2019