सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को लोकसभा चुनाव में हर विधानसभा क्षेत्र में एक बूथ से बढ़ाकर पाँच बूथों की वीवीपैट पर्चियों की औचक जांच के निर्देश दिये हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मतदाताओं के विश्वास और चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को ध्यान में रखकर वीवीपैट पर्चियों की जांच वाले नमूने बढ़ा रहा है, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 21 विपक्षी पार्टियों की 50 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों के ईवीएम से मिलान की मांग को अव्यवहारिक माना।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में औचक तौर पर पाँच वीवीपैट का ईवीएम से मिलान किया जाएगा। ज्ञात रहे कि अभी सिर्फ एक ईवीएम का वीवीपैट पर्चियों के साथ मिलान होता है। अभी तक चुनाव आयोग 4125 ईवीएम और वीवीपैट के मिलान कराता है, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह बढ़कर 20,625 ईवीएम और वीवीपैट का मिलान करना होगा। अभी आयोग विधानसभा चुनाव में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केंद्र में और लोकसभा चुनाव में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केंद्र में इस प्रकिया का पालन करता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब हर विधानसभा क्षेत्र में एक के बजाय पाँच बूथों पर ईवीएम-वीवीपैट का औचक मिलान करना होगा। जानकारी के अनुसार 21 राजनीतिक दलों के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर लगभग 6.75 लाख ईवीएम की वीवीपैट पर्चियों से मिलान की मांग की थी। विपक्षी नेताओं का सुप्रीम कोर्ट में कहना था कि उन्हें 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की गिनती से चुनाव नतीजे में देर होने पर आपत्ति नहीं है।