ऐ दिल, तू चल संग मेरे
मेरे ख्यालों की हसीन
दुनिया में…
जहाँ हूँ मैं और तुम हो
उस हसीन दुनिया मे
जाड़ों की नरम धूप सी
ओढ़कर तेरी यादों को
अलसाये तन बदन और
करवटों में शाम हो जाये
ऐ दिल, तू चल….
बर्फ की पहाडों पर खड़े
नाम तेरा जोर से पुकारे हम
खामोशियों में गूँजें एहसास
लौटकर मुझसे लिपट जाये
ऐ दिल, तू चल….
चाँदनी की ओढ़नी मुखड़े पे डाले
जुगनुओं के पायल पहने नाचे
संदली महक तेरी याद की
सारी रात बरसे हम भींग जाये
ऐ दिल, तू चल संग मेरे
मेरे ख्यालों की हसीन
दुनिया मे….
जहाँ मैं हूं और तुम हो
उस हसीन दुनिया में
– श्वेता सिन्हा