क्रिकेट में भारत कि स्पिन गेंदबाजी का हमेशा सें डंका बजता रहा है। विश्व क्रिकेट में वैसे तो हर प्रसिद्ध टीम ने अपने उम्दा स्पिनरों के नाम कई जीत दर्ज की है, लेकिन भारत की अपने स्पिन गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के कारण ही ज्यादातर विजयश्री इतिहास में दर्ज है।
1960-70 के दश़क में जब भारतीय टीम ने क्रिकेट में प्रशंसा लायक जीत विदेशों में या घर म़े वेस्टइंडीज, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड के खिलाफ दर्ज की तब हमारें स्पिनर ही हमारे मैच विनर थे।
विश्व क्रिकेट की सभी टीमें उस वक्त जहां अपने तूफानी गेंदबाजों से बल्लेबाजों में खौफ़ पैदा कर मैच जीत लेती थी, वहीं भारत की स्पिन चौकड़ी बिशन सिंह बेदी, इरापल्ली प्रसन्ना, एस वेंकटराघवन और भागवत चंद्रशेखर ने अपनी घातक स्पिन गेंदों से विश्व के अच्छे से अच्छे बल्लेबाज को धमका रख़ा था। इन चारों के बेहतरीन स्पिन प्रदर्शन के कारण ही हमारी साख उस दश़क में क्रिकेट में बननी शुरु हुई। बेदी ने जहां अपनी लेफ्ट आर्म स्पिन से धमाल मचाई वहीं राघवन, प्रसन्ना, चंद्रशेखर ने अपनी ऑफ स्पिन के जाल में धुरंदर बल्लेबाजों को फंसाया। चंद्रशेखर तो पोलियो पीड़ित होकर भी उन्होंने इस कमजोरी को अपनी शक्ति बनाया और लगभग 250 टेस्ट विकेट लिए। इस दौर ने नए स्पिनरों के उदय की जैसे एक नींव रख़ दी।
उसके बाद तो हमारी टीम में हमेशा ही एक मैच विजयी #स्पिनर हमेशा रहा। सुभाष गुप्ते, शिवरामकृष्णन, नरेंद्र हिरवानी, हरभजन सिंह, अनिल कुंबले ये वो नाम है, जो विश्व के बड़े से बड़े बल्लेबाज के लिए घातक साबित हुए और इन्होंने कई अविस्मरणीय जीत दिलाकर क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया।
वैसे समय के साथ जब क्रिकेट में बदलाव आया और फटाफट क्रिकेट लोकप्रिय हुआ तो स्पिन गेंदबाजों के लिये़ इसमें अपनी कला दिखाने के अवसर कम हो गए, क्योंकि फटाफट क्रिकेट ज्यादातर दर्शकों के मनोरंजन को केंद्र में रखकर बनाया गया था और इसमें बल्लेबाजों की मौज़ ज्यादा थी। लेकिन हमारें स्पिनरों ने इस छोटे फॉर्मेट में भी अपनी धाक जमाई है और कई ऑफ स्पिनर, लेग स्पिनर सैकडों विकेट चटका चूके है।
भारत ने न्यूज़ीलैंड में फटाफट क्रिकेट के दौरे की शुरुआत आज से ही की है! और जहां यह माना जा रहा था की स्पिन के लिहाज़ से यह दौरा स्पिनरों के लिए आसान नहीं रहने वाला, वहां चायना मेन कुलदीप यादव ने 4 और युजवेंद्र चहल ने 2 विकेट लेकर न्यूजीलैंड को उसकी ही घरेलु पिचों पर घुटने टिकवा दिए और न्यूजीलैंड टीम यह मैच बुरी तरह हार गई। अभी ऑष्ट्रेलिया के दौरे के आखरी एकदिवसीय मैच में मेलबोर्न में भी चहल ने 6 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया में सनसनी मचा दी थी!
दरअसल कुलदीप और चहल अब हमारे मैच विजेता गेंदबाज है। इन दोनों ने भारत म़े स्पिन के एक नए युग की शुरूआत की है। पहले हमारे यहाँ उंगलियों से गेंद घुमाने वाले स्पिनर्स का बोलबाला था, लेकिन इन दोनों ने कलाई की स्पिन से अब अपना डंका सारे विश्व क्रिकेट में बज़ा दिया है। रविचन्द्रन आश्विन एक उम्दा स्पिनर थे, लेकिन कुलदीप, चहल की कलाई का जादु ऐसा चला है की उन्होंने अश्विन को भी भूले-बिसरें बना दिया है।
कुलदीप-चहल जब जोड़ी में खेलते है तब उनका प्रदर्शन सिर्फ जीत के रुप में ही सामने आता है। पिछले कुछ समय में कुलदीप-चहल जब भी टीम मे एक साथ खेले है वह हमने अधिकांशतः जीते ही है! आज भी वहीं परिणाम सामने आया है।
विश्व क्रिकेट के अधिकांश खिलाड़ी कुलदीप को एक खतरनाक स्पिनर मानते है। कुलदीप ने अभी हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में विश्व क्रिकेट के सबसे सफल लेग स्पिनर शेन वॉर्न से कुछ टिप्स लिए थे, और जब “चायना मेन” ने शानदार गेंदबाजी की तो वॉर्न बहुत खुश हुए थे।
जितना मज़ा रोहित शर्मा, विराट कोहली, धोनी, पंत की बेटिंग देखने में आता है, उतनी ही रोमांच कुलदीप-चहल की “कलाई की स्पिन” देखने में है। कुलदीप-चहल की यह जोड़ी क्रिकेट में हमें एक से एक जीत दर्ज करवाने वाली है यह तो तय है।
– किरण नांदगाँवकर