स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने कहा है कि नोवेल कोरोना वायरस बीमारी की स्थिति पर नजर रखने के लिए एक उच्च स्तरीय मंत्री समूह का गठन किया गया है, जिसमें विदेश मंत्री, नागर विमानन मंत्री, गृह राज्य मंत्री, जहाजरानी राज्य मंत्री तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री शामिल हैं। डॉ हर्ष वर्धन भारत में नोवेल कोरोना वायरस बीमारी की स्थिति, नवीनतम जानकारी, उठाए गए कदम तथा तैयारियों के बारे में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य, रक्षा, विदेश, नागर विमानन, गृह, वस्त्र, फर्मास्युटिकल्स, वाणिज्य, पंचायती राज मंत्रालयों तथा राज्यों के मुख्य सचिवों सहित अन्य अधिकारियों के साथ नियमित समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारे पास मंत्रालयों में कारगर समन्वय, मजबूत निगरानी प्रणाली, जांच के लिए प्रयोगशालाओं का नेटवर्क, उन्नत चिकित्सा सुविधाएं, प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यबल और मीडिया है, जो दूर-दराज के क्षेत्रों में भी पहुंच सकती है। ये सभी संसाधन हमारे पास हैं, ताकि भारत में नोवेल कोरोना वायरस की रोकथाम की जा सके और इसके फैलाव पर काबू पाया जा सके। उन्होंने बताया कि मंत्रिस्तरीय बैठकों के अतिरिक्त राज्यों के साथ प्रत्येक दूसरे दिन उनकी तैयारियों और कार्रवाइयों की समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की जा रही है।
डॉ हर्ष वर्धन ने कहा कि सभी मंत्रालयों और राज्यों ने विशेषकर केरल ने शानदार कार्य किए हैं। इससे एक मजबूत निगरानी प्रणाली बनी है। उन्होंने बताया कि 21 हवाई अड्डों, 12 प्रमुख बंदरगाहों, 65 छोटे बंदरगाहों तथा 6 भूमि क्रॉसिंग के प्रवेश स्थान पर निगरानी की जा रही है। अभी तक 2315 उड़ानों के कुल 2,51,447 व्यक्तियों की स्क्रिनिंग की गई है। तीन संदिग्ध मामले तथा 161 संपर्क चिन्हित किए गए हैं। बड़े और छोटे बंदरगाहों पर क्रमशः 5491 तथा 285 यात्रियों तथा जहाज कर्मियों की स्क्रिनिंग की गई है। एकीकृत बीमारी निगरानी कार्यक्रम चीन, सिंगापुर, थाइलैंड, दक्षिण कोरिया तथा जापान से आने वाले यात्रियों की निगरानी सामुदायिक माध्यम से कर रहा है। देख-रेख की 28 दिन की अवधि के लिए कुल 15991 व्यक्ति आए, जिसमें से 3058 ने देखरेख की 28 दिनों की अवधि पूरी कर ली है। 497 संदिग्ध मामलों को अलग रखा गया है। आईसीएमआर नोडल प्रयोगशाला एनआईवी पुणे और 14 अन्य नेटवर्क प्रयोगशालाओं के साथ प्रयोगशाला समर्थन दे रही है। जरूरत पड़ी तो इसका विस्तार करके 50 प्रयोगशाला की जा सकती है। अभी तक 1071 नमूनों की जांच की गई है, जिसमें से 1068 नमूने निगेटिव पाए गए और केरल में केवल तीन नमूने पॉजिटिव पाए गए। इसके अतिरिक्त प्रभावित क्षेत्रों से निकाले गए 654 लोगों के क्लिनिकल नमूने मानेसर तथा आईटीबीपी शिविरों में जांचे गए हैं और सभी निगेटिव पाए गए। केरल में पाए जाने वाले तीन पॉजिटिव मामले चीन के वुहान से आए विद्यार्थियों के हैं। उनकी देख-रेख 28 जनवरी, 2020 से शुरू हुई और एनआईवी पुणे ने उन्हें 3 फरवरी को पॉजिटिव पाया। राज्यों से नोवेल कोरोनावायरस के मामलों में व्यक्ति को अलग रखने की सुविधा तथा वेंटिलेटर सहायता के लिए क्रिटिकल केयर सुविधा सुनिश्चित करने को कहा गया है।