गुड़ी पाड़वा, इसे सृष्टि का जन्म का दिन भी कह सकते हैं, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन ब्रह्मा ने उस सृष्टि की रचना की थी। महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाए जाने वाले गुड़ी पाड़वा को देश भर में नव संवत्सर के रूप मनाया जाता है। इस दिन से विक्रम संवत का आरंभ और ऋतु परिवर्तन के साथ ही ग्रीष्म का आगमन होता है।
चैत्र मास के प्रथम दिन चैत्र प्रतिपदा से चैत्र नवरात्र शुरू होती है। नौ दिनों तक चलने वाले चैत्र नवरात्र में माँ दुर्गा के नौ रूपों आराधना की जाती है। चैत्र नवरात्र का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। मान्यता है कि चैत्र नवरात्र में माँ दुर्गा की आराधना करने से हर मुश्किल से छुटकारा मिलता है और दुःखों का नाश हो जाता है। चैत्र नवरात्र का एक विशेष महत्व और है, चैत्र मास के शुक्लपक्ष की नवमीं को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्मोत्सव पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है, इसी दिन भगवान विष्णु के सातवें अवतार श्रीराम पृथ्वी पर अवतरित हुए थे।
इस वर्ष नवरात्रि नौ दिन की ना हो कर आठ दिन की है। नवरात्र के पहले दिन घट स्थापना की जाती है। घट स्थापना के बाद भगवान गणेश और माँ दुर्गा के पूजन एवं आरती से नौ दिनों का व्रत प्रारंभ किया जाता है। नवमीं के दिन व्रत का परायण कर श्रीराम का जन्मोत्सव धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है।