ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे में भारत पहले स्थान पर काबिज है। नेल्सन द्वारा कराए गए सर्वे में 64 देशों के 32 हजार उपभोक्ताओं ने हिस्सा लिया था, जिसमें भारत का कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स (CCI) 133 है। वहीं 131 अंकों के साथ फिलिपिंस दूसरे स्थान पर और 127 अंकों के साथ इंडोनेशिया तीसरे स्थान पर है। सर्वे के अनुसार दक्षिणी कोरिया के उपभोक्ता सबसे ज्यादा निराशावादी हैं। इसका कारण यह है कि वहां के लोग बढ़ती महंगाई, वेतन में कम वृद्धि, स्टॉक मार्केट के कमजोर प्रदर्शन और बेरोजगारी की समस्या से डरे हुए हैं। सर्वे के मुताबिक ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स 107 है जो पिछले 14 सालों में सबसे ज्यादा है। नेल्सन द्वारा इंटरनेट के माध्यम से कराए गए सर्वे में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अलावा यूरोप, लैटिन अमेरिका, मिडिल ईस्ट, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका के उपभोक्ताओं को शामिल किया गया। वर्ष की चौथी तिमाही में भारत का कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स (CCI) में भारत को 133 अंक मिले। भारत को तीसरी तिमाही में 130 अंक मिले थे और तब वह इस इंडेक्स में शीर्ष पर पहुंच गया था। उसने अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है।
कॉन्फ्रेंस बोर्ड सीसीआइ द्वारा सर्वेक्षण के दौरान कुछ खास बिंदुओं पर लोगों से सवाल पूछे जाते हैं। आने वाले दिनों में उनके विश्वास के आधार पर उस देश को अंक दिये जाते हैं। इसमें आगामी 12 महीनों में रोजगार के अवसर, व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति, स्वास्थ्य और खर्च करने की प्रवृत्ति पर खासा जोर होता है। वैश्विक स्तर पर देखें तो रोजगार और पर्सनल फाइनेंस को लेकर उपभोक्ताओं में सकारात्मक रुख रहा, लेकिन खर्च के मामले में उनका रुख सकारात्मक नहीं रहा। जानकारी के अनुसार इस सूचकांक में शून्य अंक हासिल करने वाले को निराशावादी और 100 अंक प्राप्त करने वाले को सबसे अधिक आशावादी देश का दर्जा दिया जाता है। यह सूचकांक अगले 12 माह में बाजार की मौजूदा परिस्थितियों में उपभोक्ता के विश्वास को मापता है। यह आर्थिक वृद्धि, रोजगार, शेयर बाजार, नियमित आय और गुणवत्ता पूर्ण जीवनयापन पर आधारित होता है।
At least 7 in 10 consumers in Philippines, India and Indonesia say they are financially better off compared to five years ago. View our Changing Consumer Prosperity webinar playback for more insights. https://t.co/TyD0e8G5U9
— Nielsen (@Nielsen) February 28, 2019