रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा जम्मू केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) ने विश्वविद्यालय में विज्ञान और टेक्नोलॉजी के लिए कलाम सेंटर स्थापित करने के लिए समझौता किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में नई दिल्ली में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य बहुविषयी बुनियादी और प्रायौगिक अनुसंधान और काम्प्यूटैशनल सिस्टम सिक्युरिटी और सेंसर में टेक्नोलॉजी विकास करना और सहायता देना है। सेंटर में अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी और इन क्षेत्रों में शोध करने वालों की संख्या बढ़ाने के लिए आधुनिक उपकरण होंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कलाम सेंटर एक राष्ट्रीय संपत्ति होगा और भारत को मजबूत और समृद्ध बनाने में योगदान देगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी. सतीश रेड्डी ने आशा व्यक्त की कि बहुत कम समय में जम्मू केन्द्रीय विश्वविद्यालय में विश्वस्तरीय केन्द्र बनेगा और अत्याधुनिक प्रणालियां विकसित की जाएंगी।
जम्मू केन्द्रीय विश्वविद्यालय केन्द्र वित्तपोषित विश्वविद्यालय है और इसकी स्थापना देश तथा विश्व को ज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार में योगदान के लिए केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 के अंतर्गत की गई थी।
विश्वविद्यालय के चांसलर एमबेस्डर जी. पार्थसारथी ने गुणवत्ता संपन्न अनुसंधान के उद्देश्य से उच्चस्तरीय अनुसंधान केन्द्र स्थापित करने के लिए डीआरडीओ की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में बड़े संख्या में वैज्ञानिक तैयार होंगे। इस अवसर पर जम्मू केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अशोक आइमा तथा डीआरडीओ के महानिदेशक (टेक्नोलॉजी प्रबंधन) सुधीर गुप्ता भी उपस्थित थे।