दिल्ली में आज आयोजित हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में बड़े निर्णय लिये गए हैं। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि किफायती मकानों पर जीएसटी की दर को आठ प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया गया। जीएसटी परिषद ने निर्माणाधीन परियोजनाओं में मकानों पर जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है।
वित्त मंत्री ने बताया कि महानगरों में 60 वर्ग मीटर और 45 लाख के अपार्टमेंट और अन्य जगहों पर 90 वर्ग मीटर और 45 लाख तक के मकान अफोर्डेबल हाउस के अंतर्गत आएंगे। बेंगलुरु, चेन्नै, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों में 60 वर्ग मीटर कार्पेट एरिया तक के मकान किफायती माने जाएंगे, जबकि नॉन मेट्रो शहरों में 90 वर्ग मीटर तक के घर अफोर्डेबल माने जाएंगे। नई दरें 1 अप्रैल 2019 से लागू होंगी।
In its 33rd meeting the GST Council has accorded big relief to Real Estate Sector. GST rate on affordable housing has been reduced to 1% from 8% & for others from 12% to 5% for both without ITC.This will give boost to housing for all & fulfill aspirations of Neo/Middle classes.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) February 24, 2019
जानकारी के अनुसार इस समय निर्माणाधीन या ऐसे तैयार मकान जिनके लिए काम पूरा होने का प्रमाणपत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) नहीं मिला हो, उन पर खरीदारों को 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी देना पड़ता है। लेकिन वर्तमान व्यवस्था में मकान निर्माताओं को इनपुट (निर्माण सामग्री) पर चुकाये गए कर पर छूट का लाभ भी मिलता है। जीएसटी की रविवार को तय दरों के तहत उन्हें (परियोजना निर्माताओं को) इनपुट कर की छूट का लाभ नहीं मिलेगा। सरकार जमीन-जायदाद की परियोजनाओं में ऐसे मकानों पर जीएसटी नहीं लगाती है, जिनकी बिक्री के समय कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिल चुका होता है। अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी दर में कमी का फैसला निश्चित रूप से भवन निर्माण क्षेत्र को बल प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि लॉटरी पर जीएसटी के बारे में फैसला आगे के लिए टाल दिया गया है। इस बारे में प्रस्ताव पर चर्चा के लिए मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक फिर होगी। इस समय राज्य सरकारों द्वारा संचालित लॉटरी योजनाओं पर 12 प्रतिशत एवं राज्य सरकारों द्वारा अधिकृत लॉटरी पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है।