रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित पिनाक मिसाइल प्रणाली का आज 12 बजे दिन को ओडिसा के चांदीपुर तट के निकट स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से सफल उड़ान परीक्षण किया गया। पिनाक आर्टिलरी मिसाइल प्रणाली है, जो पूरी सटीकता के साथ दुश्मन के इलाके में 75 किलोमीटर तक मार कर सकती है।
पिनाक एमके-2 रॉकेट को मिसाइल के रूप में सुधारा गया है, जिसमें नौसंचालन, नियंत्रण और दिशा-प्रणाली जोड़ी गई हैं, ताकि उसकी सटीकता और रेंज में इजाफा हो सके। मिसाइल की नौसंचालन प्रणाली को भारतीय क्षेत्रीय नौसंचालन उपग्रह प्रणाली से भी मदद मिलती है।
इस मिशन ने रेंज, सटीकता और संचालन प्रणाली की सभी गतिविधियों को कामयाबी से पूरा किया। इसकी ट्रैकिंग टेलीमेट्री, रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल टारगेटिंग प्रणाली से की जाती है। मिसाइल प्रणाली को डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाओं ने विकसित किया है, जिनमें आयुध अनुसंधान एवं विकास स्थापना (एआरडीईई), अनुसंधान केन्द्र इमारत (आरसीआई), रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल), प्रूफ एवं प्रयोगात्मक संगठन (पीएक्सई) और उच्च उर्जा पदार्थ अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल) शामिल हैं।
यह परीक्षण आरसीआई के निदेशक बीएचवीएस नारायण मूर्ति, एआरडीई के निदेशक डॉ वी. वेंकटेश्वर राव, आईटीआर के निदेशक डॉ बीके दास और पीएक्सई के निदेशक डीके जोशी की देखरेख में किया गया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने परीक्षण उड़ान में शामिल दल को बधाई दी।