उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आयोजित किये जा रहे डिफेंस एक्सपो को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य तो है ही, आने वाले समय में ये देश में डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग के भी सबसे बड़े हब में से भी एक होने वाला है। ऐसे में नए दशक के इस पहले डिफेंस एक्स्पो का यहां होना, अपने आप में प्रसन्नता का विषय है।
उन्होंने कहा कि इस बार एक हज़ार से ज्यादा डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स और दुनियाभर से 150 कम्पनीज इस एक्स्पो का हिस्सा हैं। इसके अलावा 30 से ज्यादा देशों के डिफेन्स मिनिस्टर्स और सैकड़ों बिज़नेस लीडर्स भी यहां उपस्थित हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का ये अवसर भारत की रक्षा-सुरक्षा की चिंता करने वालों के साथ-साथ पूरे भारत के युवाओं के लिए भी बड़ा अवसर है। मेक इन इंडिया से भारत की सुरक्षा बढ़ेगी, वहीं डिफेंस सेक्टर में रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे। उन्होंने कहा कि टेक्नॉलॉजी का गलत इस्तेमाल हो और टेररिज्म हो या फिर सायबर थ्रेट ये पूरे विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती हैं। नए सिक्योरिटी चैलेंजेस को देखते हुए दुनिया की तमाम डिफेंस फोर्सेस, नई टेक्नॉलॉजी को इवॉल्व कर रही हैं।
भारत भी इससे अछूता नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आर्टिलरी गन्स हों, एयरक्राफ्ट कैरियर हों, फ्रिगेट्स हों, सबमरीन्स हों, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट हों, कॉम्बैट हेलीकॉप्टर हों, ऐसे अनेक साजो-सामान आज भारत में ही बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब हमारा लक्ष्य ये है कि आने वाले 5 वर्ष में डिफेंस एक्सपोर्ट को 5 बिलियन डॉलर यानि करीब 35 हज़ार करोड़ रुपए तक बढ़ाया जाए। आधुनिक शस्त्रों के विकास के लिए दो प्रमुख आवश्यकताएं हैं, रिसर्च एंड डेवेलपमेंट की उच्च क्षमता और उन शस्त्रों का उत्पादन। बीते 5-6 वर्षों में हमारी सरकार ने इसे अपनी राष्ट्रनीति का प्रमुख अंग बनाया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत में दो बड़े डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें से एक तमिलनाडु में और दूसरा यहीं उत्तर प्रदेश में हो रहा है। यूपी के डिफेंस कॉरिडोर के तहत यहां लखनऊ के अलावा अलीगढ़, आगरा, झाँसी, चित्रकूट और कानपुर में नोड्स स्थापित किए जाएंगे। वैसे यहां पास में ही अमेठी के कोरबा में इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड के बारे में आपने जरूर सुना होगा। उन्होंने कहा कि भारत में डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग में असीमित संभावनाएं हैं। यहां टैलेंट है और टेक्नोलॉजी भी है, यहां इन्नोवेशन है और इंफ्रास्ट्रक्चर भी है, यहां फेवरेबल पालिसी है और फॉरेन इन्वेस्टमेंट की सुरक्षा भी है। यहां डिमांड है, डेमोक्रेसी है और डिसिसिवनेस भी है।