सरकार ने देश में दस स्वदेशी परमाणु ऊर्जा रिएक्टर लगाने के लिए शासकीय और वित्तीय मंजूरी जून 2017 में दी है। इन रिएक्टरों में से प्रत्येक की क्षमता 700 मेगावॉट है। स्वदेशी तकनीकी से निर्मित ये रिएक्टर भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) की ओर से लगाए जाएंगे। एनपीसीआईएल भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाला सार्वजनिक उपक्रम है, जो परमाणु ऊर्जा विभाग के तहत काम करता है।
परियोजना की पूर्व तैयारियों के तहत चयनित स्थानों पर भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पर्यावरणीय मंजूरी आदि गतिविधियां विभिन्न चरणों में हैं। कैगा और गोरखपुर में रिएक्टर के लिए जमीन उपलब्ध है, जबकि चुटका और माही बांसवाड़ा में भूमि अधिग्रहण का काम लगभग पूरा होने को है। चुटा एक और दो तथा जीएचएवीपी तीन और चार परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी प्राप्त हो चुकी है। अन्य स्थानों के लिए पर्यावरण मंजूरी की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है। इसके अतिरिक्त निर्माण में प्रयुक्त होने वाले उपकरणों तथा मानव संसाधन नियोजन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम द्वारा निर्माणाधीन 500 मेगावॉट क्षमता वाले प्रोटोटइम रिएक्टर के जल्द पूरा होने तथा दस नये रिएक्टरों के तैयार हो जाने पर साल 2031 तक देश की कुल परमाणु ऊर्जा क्षमता बढ़कर 22480 मेगावॉट हो जाएगी। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय, पूर्वोत्तर क्षेत्र, कार्मिक, लोक शिकातय और पेंशन तथा परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
स्थान और राज्य- परियोजना- क्षमता (मेगावॉट)
चुटका (मध्य प्रदेश)- चुटका एक और दो- 2X700
कैगा (कर्नाटक)– कैगा पांच और छह- 2X700
माही बांसवाड़ा (राजस्थान)– एक और दो- 2X700
गोरखपुर (हरियाणा) जीएचएवीपी- तीन और चार- 2X700
माही बांसवाड़ा (राजस्थान)– तीन और चार- 2X700