भारतीय नौसेना ने एविएशन के इतिहास में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है। समुद्र किनारे स्थित परीक्षण सुविधा-आईएनएस हंसा, गोवा में अब तक की सबसे पहली एलसीए (नेवी) की नियंत्रित लैंडिंग संपन्न हुई। इससे भारतीय नौसेना विमानवाहक, विक्रमादित्य पर उड़ान के दौरान विमानवाहक के लैंडिंग के प्रदर्शन के लिए स्वेदशी मंच का मार्ग प्रशस्त होगा।
उड़ान परीक्षण के कई वर्षों के बाद और समुद्र किनारे स्थित परीक्षण सुविधा, गोवा में समर्पित परीक्षण के चार अभियानों के बाद, सीएमडीई जेए मावलंकर (प्रधान परीक्षण पायलट), कैप्टन शिवनाथ दहिया (एलएसओ) और सीडीआर जेडी रतुरी (परीक्षण निदेशक) के नेतृत्व में एलसीए (नेवी) उड़ान परीक्षण टीम ने समुद्री किनारा स्थित परीक्षण सुविधा, आईएनएस हंसा, गोवा में नियंत्रित लैंडिंग के कार्य को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इस नियंत्रित लैंडिंग से सच्चे अर्थों में स्वदेशी क्षमता हासिल हुई है और हमारे वैज्ञानिक समुदाय, एयरोनॉटिकल विकास एजेंसी (एडीए) के साथ-साथ एचएएल (एआरडीसी), डीआरडीओ और सीएसआईआर प्रयोगशालाओं द्वारा तैयार डिजाइन और निर्माण क्षमता भी प्रमाणित हुए हैं।
यह अवसर नौसेना में एक नये युग की शुरूआत है। इस काम में कई एजेंसियों ने मिलकर सहयोग किया है। इसमें सर्टिफिकेशन एजेंसी (सीईएमआईएलएसी), क्वॉलिटी एजेंसी (डीजीएक्यूए) तथा विमान को बनाने में अपना सहयोग देने वाला ग्राउंड स्टॉफ शामिल हैं। इनके प्रयास सराहनीय रहे हैं। इसमें भारतीय नौसेना की मदद भी काफी महत्ववपूर्ण रही है। इस परीक्षण ने डेक पर सुरक्षित उतारे जा सकने वाले हल्केी लड़ाकू विमान के मामले में भारत को विश्व के नक्शे पर स्थापित कर दिया है।