प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के द्वारका के डीडीए ग्राउंड में आयोजित दशहरा समारोह में हिस्सा लिया और तीर चलाकर रावण के पुतले का दहन किया। प्रधानमंत्री ने विजयादशमी के अवसर पर देश के नागरिकों को बधाई दी।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत त्योहारों की भूमि है। हमारी जीवंत संस्कृति के कारण भारत के किसी न किसी हिस्से में हमेशा कोई अवसर या पर्व आयोजित होता है। उन्होंने कहा कि भारत के त्योहारों के जरिए हम भारतीय संस्कृति के प्रमुख पहलुओं को मनाते हैं। हमें विभिन्न प्रकार की कलाओं, संगीत, गीत और नृत्य की जानकारी मिलती है।
उन्होंने कहा कि भारत शक्ति साधना की भूमि है। पिछले नौ दिनों में हमने माँ की पूजा की, उन्होंने कहा कि इसी भावना को आगे ले जाते हुए हमें महिलाओं का सम्मान करने और उनके सशक्तिकरण को और आगे ले जाने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री ने मन की बात के दौरान घर की लक्ष्मी पर उनकी चर्चा का स्मरण करते हुए इस दिवाली में हमारी नारी शक्ति की उपलब्धियों को मनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि आज विजयादशमी भी है और वायु सेना दिवस भी। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी वायु सेना पर असीम गर्व है।
ऐसे समय जब हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं, प्रधानमंत्री ने इस विजयादशमी पर एक आग्रह किया। उन्होंने लोगों से इस वर्ष एक मिशन आरंभ करने और उसे पूरा करने पर काम करने को कहा। यह मिशन– खाना बर्बाद न करने, ऊर्जा संरक्षित करने, जल बचाने का हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर हम सामूहिक भावना की शक्ति को समझना चाहते हैं, तो हमें निश्चित रूप से भगवान श्रीकृष्ण और भगवान श्रीराम से प्रेरणा ग्रहण करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने द्वारका श्री रामलीला सोसाइटी द्वारा आयोजित रामलीला का अवलोकन किया। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में रावण, कुंभकरण और मेघनाद के विशालकाय पुतलों को जलाए जाने का भी अवलोकन किया।