वाराणसी में कई राष्ट्रीय राजमार्गों, अंतर्देशीय जलमार्गों और सीवर ढांचा परियोजनाओं के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि वाराणसी और समूचा देश आज कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का सपना पूरा होते देख रहा है। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि पिछले चार वर्षों में अगली पीढ़ी के परिवहन ढांचे का निर्माण हुआ है, जिसमें दूर-दराज के क्षेत्रों में हवाई अड्डों का निर्माण, देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेलवे नेटवर्क का विस्तार और ग्रामीण क्षेत्रों सहित देशभर में सड़कों का सुदृढ़ नेटवर्क शामिल है। उन्होंने कहा कि ये उपलब्धियां सरकार की पहचान बन गई हैं।
गंगा नदी पर बना अंतर्देशीय जलमार्ग मल्टी मॉडल टर्मिनल राष्ट्र को समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह परियोजना हमें अपने गौरवशाली अतीत से जोड़ेगी और इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश का देश के पूर्वोत्तर भागों से संपर्क जुड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि बाबतपुर हवाई अड्डा और वाराणसी के बीच आधुनिक सड़क बनने से देश के सभी भागों के पर्यटक इस क्षेत्र के प्रति आकर्षित होंगे। उन्होने कहा कि संचार सुविधाओं से न केवल अवसरों में बढ़ोत्तरी होती है, बल्कि लोगों का भरोसा और विश्वास भी बढ़ता है।
प्रधानमंत्री ने वाराणसी में दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग राष्ट्र को समर्पित किये। 34 किलोमीटर लंबे इन मार्गों के निर्माण में 1571.95 करोड़ रूपये की लागत आई है। 16.55 किलोमीटर लंबे वाराणसी रिंगरोड़ फेज़-1 का निर्माण कार्य 759.36 करोड़ रूपये की लागत से पूरा किया गया है, बाबतपुर-वाराणसी के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 56 पर 17.25 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण पर 812.59 करोड़ रूपये की लागत आई है। बाबतपुर हवाई अड्डा राजमार्ग वाराणसी को हवाई अड्डे के साथ ही जौनपुर, सुल्तानपुर और लखनऊ से भी जोड़ता है।
इस अवसर पर केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण, सड़क परिहन और राजमार्ग तथा जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि गंगा नदी में पर्याप्त जल सुनिश्चित करने के भी उपाय किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए नदी के प्रारंभिक स्थान गंगोत्री से लेकर पश्चिम बंगाल में अंतिम बिन्दु गंगा सागर तक विभिन्न कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी कुंभ के दौरान वाराणसी और प्रयागराज के बीच नौकाएं चलेंगी। श्री गडकरी ने कहा देश में हज़ारों करोड़ रूपये की लागत से 268 जल स्वच्छता परियोजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में गंगा में 80 स्थानों पर की गई जल गुणवत्ता जांच के दौरान 55 स्थानों पर जल स्वच्छ पाया गया। उन्होंने उम्मीद जाहिर कि इन उपायों के अच्छे परिणाम सामने आयेंगे और आगामी मार्च तक 70 से 80 प्रतिशत गंगा स्वच्छ हो जायेगी।