प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चित्रकूट में 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी। यह एक्सप्रेस-वे फरवरी 2018 में घोषित उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के निर्माण की स्वीकृति का द्योतक है। 14,849 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस एक्सप्रेस-वे से चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा जिलों को लाभ मिलने की आशा है। इस कार्यक्रम के दौरान ही चित्रकूट में संपूर्ण देश के लिए 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का शुभारंभ भी किया गया। प्रधानमंत्री ने पीएम-किसान योजना के तहत सभी लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के वितरण के लिए परिपूर्णता अभियान भी चलाया।
देश में रोजगार सृजन के लिए कई तरह की पहल करने के लिए सरकार की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे अथवा प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे से न केवल उत्तर प्रदेश में संपर्क बढ़ेगा बल्कि रोजगार के कई अवसर पैदा होने के साथ-साथ यह लोगों को बड़े शहरों में उपलब्ध सुविधाओं से भी जोड़ेंगे।
भूमि प्रणालियों, जहाजों और पनडुब्बियों से लेकर लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, हथियार और सेंसर जैसी रक्षा उपकरणों की व्यापक आवश्यकताओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के बजट में उत्तर प्रदेश रक्षा गलियारे के लिए 3700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से उत्तर प्रदेश रक्षा गलियारे को भी गति मिल रही है।
देश के किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी ने 10,000 एफपीओ यानी किसान उत्पादक संगठनों को स्थापित करने की एक योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि किसान जो अब तक उत्पादक थे, वह अब एफपीओ के माध्यम से व्यवसाय भी करेंगे। किसानों के लिए सरकार द्वारा की गई कई पहलों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार ने किसानों के हित से जुड़े हर क्षेत्र पर कार्य किया है। इसमें एमएसपी, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग और दशकों से अधूरी पड़ी सिंचाई परियोजनाएं को पूर्ण करना शामिल है।