प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में योग के संवर्धन और विकास के लिए शानदार योगदान करने वालों को योग पुरस्कार प्रदान किए। इन पुरस्कारों की घोषणा रांची में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर की गई थी। इसके साथ आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पिछले वर्ष के दो विजेता भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने आयुष प्रणाली के महान और दिग्गज चिकित्सकों की उपलब्धियों और उनके योगदान के मद्देनजर उनकी स्मृति में 12 डाक टिकटों का एक सेट भी जारी किया। प्रधानमंत्री ने हरियाणा में स्थित 10 आयुष स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्रों की भी शुरूआत की। उल्लेखनीय है कि आयुष मंत्रालय ने अगले तीन वर्षों में 12,500 आयुष स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्र खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
वर्ष 2019 के योग पुरस्कार व्यक्तिगत श्रेणी के राष्ट्रीय वर्ग में गुजरात के लाइफ मिशन के स्वामी राजर्षि मुनि, व्यक्तिगत श्रेणी के अंतर्राष्ट्रीय वर्ग में इटली की सुश्री एंतोनिता रोज़ी, संगठन श्रेणी के राष्ट्रीय वर्ग में मुंगेर, बिहार का योग विद्यालय, संगठन श्रेणी के अंतर्राष्ट्रीय वर्ग में जापान का योग निकेतन को दिए गए। 2018 योग पुरस्कार व्यक्तिगत श्रेणी के राष्ट्रीय वर्ग में नासिक के विश्वास मांडलीक और संगठन श्रेणी के राष्ट्रीय वर्ग का योग संस्थान, मुंबई को दिया गया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आधुनिक क्षेत्र के अलावा आयुष के लिए भी अधिक से अधिक प्रोफेशनलों को लाने के लिए आवश्यक सुधार किए जा रहे हैं। उन्होंने आयुष-ग्रिड बनाने के विचार की सराहना करते हुए कहा कि इससे इस क्षेत्र की कमियां दूर करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश में डेढ़ लाख से अधिक आरोग्य केन्द्रों की योजना बनाने के संदर्भ में आयुष को ध्यान में रख रही है। उन्होंने कहा कि 12.5 हजार आयुष आरोग्य केन्द्रों की योजना बनाई गई है, जिनमें से इस साल लगभग 4,000 केन्द्र खोल दिए जाएंगे।
आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद येसो नाइक ने प्रधानमंत्री योग पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि योग स्वास्थ्य की जमानत है, जिसके लिए हमें कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ता। इस क्षेत्र के महान दृष्टाओं के योगदान को याद करते हुए श्री नाइक ने कहा कि इन दिग्गज चिकित्सकों का योगदान अतुलनीय है। भव्यता, सम्मान और सौंदर्य के साथ इन डाक टिकटों को जारी करना उन दिग्गज चिकित्सकों के विज्ञान और मानवता के प्रति स्वास्थ्य सेवा के प्रति समर्पण के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है। युवा अवस्था में उन लोगों ने कड़ी मेहनत की और सीमित संसाधनों की चुनौतियों पर विजय प्राप्त करके मानवता के लिए योगदान किया। आज वे राष्ट्र का गौरव हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आयुष प्रणाली में विशेष रूचि रखते हैं। यह उन्हीं की पहल थी कि आयुष मंत्रालय आयुष्मान भारत के अंग के रूप में देश भर के डेढ़ लाख स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्रों के 10 प्रतिशत का संचालन करे। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 का पूरक हैं। उन्होंने पारम्परिक स्वास्थ्य सेवा आपूर्ति प्रणाली में आयुष सेवाओं को एकीकृत करने पर जोर दिया।