प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की मन की बात की तीसरी कड़ी में कहा कि आज की मन की बात में, देश की उस महान शख्सियत, मैं, उनकी भी बात करूँगा। हम सभी हिन्दुस्तानवासियों के दिल में, उनके प्रति बहुत सम्मान है, बहुत लगाव है। शायद ही, हिन्दुस्तान का कोई नागरिक होगा, जो, उनके प्रति आदर ना रखता हो, सम्मान ना करता हो। वो उम्र में हम सभी से बहुत बड़ी हैं, और देश के अलग-अलग पड़ावों, अलग-अलग दौर की, वो साक्षी हैं। हम उन्हें दीदी कहते हैं, लता दीदी। वो इस 28 सितम्बर को 90 वर्ष की हो रही हैं। विदेश यात्रा पर निकलने से पहले, मुझे, दीदी से फ़ोन पर बात करने का सौभाग्य मिला था। ये बातचीत वैसे ही थी, जैसे, बहुत दुलार में छोटा भाई, अपनी बड़ी बहन से बात करता है। मैं, इस तरह के व्यक्तिगत संवाद के बारे में, कभी बताता नहीं, लेकिन आज चाहता हूँ कि आप भी लता दीदी की बातें सुनें, उस बातचीत को सुनें। सुनिये कि कैसे आयु के इस पड़ाव में भी लता दीदी, देश से जुड़ी तमाम बातों के लिये उत्सुक हैं, तत्पर हैं और जीवन का संतोष भी, भारत की प्रगति में है, बदलते हुई भारत में है, नई ऊंचाईयों को छू रहे भारत में है। प्रधानमंत्री मोदी ने लता मंगेशकर और उनके बीच हुई बातचीत साझा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नवरात्रि के साथ ही, आज से, त्योहारों का माहौल फिर एक बार, नयी उमंग, नयी ऊर्जा, नया उत्साह, नए संकल्प से भर जाएगा। आगे कई हफ़्तों तक, देश भर में, त्योहारों की रौनक रहेगी। हम सभी, नवरात्रि महोत्सव, गरबा, दुर्गा-पूजा, दशहरा, दीवाली, भैया-दूज, छठ-पूजा, अनगिनत त्यौहार मनायेंगे। आप सभी को, आने वाले त्योहारों की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं। त्यौहारों में, परिवार के सब लोग साथ आयेंगे। घर खुशियों से भरे होंगे, लेकिन, आपने देखा होगा कि हमारे आस-पास भी, बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जो इन त्योहारों की खुशियों से वंचित रह जाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दीपावली में, सौभाग्य और समृद्धि के रूप में, लक्ष्मी का घर-घर आगमन होता है। परंपरागत रूप से, लक्ष्मी का स्वागत है। क्या इस बार हम नए तरह से लक्ष्मी का स्वागत कर सकते हैं? हमारी संस्कृति में, बेटियों को लक्ष्मी माना गया है, क्योंकि बेटी सौभाग्य और समृद्धि लाती है। क्या इस बार हम अपने समाज में, गाँवों में, शहरों में, बेटियों के सम्मान के कार्यक्रम रख सकते हैं? सार्वजनिक कार्यक्रम रख सकते हैं। हमारे बीच कई ऐसी बेटियाँ होंगी जो अपनी मेहनत और लगन से, टैलेंट से परिवार का, समाज का, देश का, नाम रोशन कर रही होंगी। क्या इस दिवाली पर भारत की इस लक्ष्मी के सम्मान के कार्यक्रम, हम कर सकते हैं? हमारे आस-पास कई बेटियाँ, कई बहुएँ ऐसी होंगी, जो, असाधारण काम कर रही होंगी। कोई गरीब बच्चों की पढाई का काम कर रही होंगी। कोई स्वच्छता और स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाने में जुटी होगी, तो कोई डॉक्टर, इंजीनियर बन कर समाज की सेवा कर रही होगी। वकील बन करके, किसी को न्याय दिलाने के लिए कोशिश करती होगी। हमारा समाज, ऐसी बेटियों की पहचान करें, सम्मान करें और उन पर, अभिमान करें। इनके सम्मान के कार्यक्रम, देशभर में हो। एक काम और कर सकते हैं, कि, इन बेटियों की उपलब्धियों के बारे में, सोशल मीडिया में अधिक से अधिक शेयर करें और हैशटैग का उपयोग करें, #bharatkilaxmi, जैसे हम सबने मिलकर एक महा-अभियान चलाया था, Selfie with daughter और वो दुनियाभर में फैल गया था, उसी तरह इस बार हम अभियान चलायें, भारत की लक्ष्मी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि तम्बाकू का नशा, सेहत के लिए, बहुत नुकसानदायक होता है और उसकी लत छोड़ना भी बहुत मुश्किल हो जाता है। तम्बाकू का सेवन करने वाले लोगों को कैंसर, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। लेकिन आज मैं आपसे एक नए विषय पर बात करना चाहता हूँ, आपको पता होगा कि हाल ही में भारत में ई-सिगरेट पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। सामान्य सिगरेट से अलग ई-सिगरेट एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है। ई-सिगरेट में निकोटिन युक्त तरल पदार्थ को गर्म करने से एक प्रकार का केमिकल धुंआ बनता है, इसके माध्यम से निकोटिन का सेवन किया जाता है, सामान्य सिगरेट के खतरों को जहाँ हम सब भली-भांति समझते हैं, वहीं ई-सिगरेट के बारे में एक गलत धारणा पैदा की गई है, ये भ्रान्ति फैलाई गई है कि ई-सिगरेट से कोई खतरा नहीं है। बाकी सिगरेट की तरह इससे दुर्गन्ध न फैले, इसके लिए, इसमें सुगन्धित रसायन तक मिलाए जाते थे। वास्तव में ई-सिगरेट में कई हानिकारक केमिकल मिलाए जाते हैं, जिसका, स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ही नहीं आज पूरी दुनिया के लिए ये गर्व का विषय है कि आज जब हम गाँधी 150 मना रहे हैं, तो इसके साथ ही, 130 करोड़ देशवासियों ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्त होने का संकल्प लिया है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में, भारत ने पूरे विश्व में जिस प्रकार की लीड ली है, उसे देखकर, आज सभी देशों की नजरे भारत की ओर टिकी है। मुझे पूरा विश्वास है, आप सब 2 अक्तूबर को सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति के लिए होने वाले अभियान का हिस्सा बनने वाले ही होंगे। जगह-जगह लोग अपने-अपने तरीक़े से इस अभियान में अपना योगदान दे रहें हैं। लेकिन हमारे ही देश के एक नौजवान ने एक बड़ा ही अनोखा अभियान चलाया है। उनके इस काम पर मेरा ध्यान गया, तो मैंने उनसे फ़ोन पर बात करके उनके इस नए प्रयोग को जानने समझने की कोशिश की। हो सकता है, उनकी ये बातें देश के और लोगों को भी काम आये। रिपुदमन बेल्वी एक अनोखा प्रयास कर रहें हैं। वे Plogging करते हैं। जब पहली बार मैंने Plogging शब्द सुना तो मेरे लिए भी नया था। विदेशों में तो शायद ये शब्द कुछ मात्रा में उपयोग हुआ है। लेकिन भारत में रिपुदमन बेल्वी ने इसको बहुत ही प्रचारित किया है।