अब ब्यूरोक्रेसी का हिस्सा बनने के लिए यूपीएससी की परीक्षा पास करना अनिवार्य नहीं होगा। क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से 10 मंत्रालयों में ज्वॉइंट सेक्रेटरी के लिए वैकेंसी निकाल गई है। जिसमें सरकार ने ब्यूरोक्रेसी में लैटरल एंट्री की शुरुआत कर दी है, जिसके तहत प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी भी मंत्रालयों में ज्वाइंट सेक्रेटरी बन सकते हैं।
केंद्र सरकार के द्वारा निकले गए विज्ञापन के अनुसार लैटरल एंट्री के तहत होने वाली ज्वाइंट सेक्रेटरी का कार्यकाल तीन साल का होगा, अगर कामकाज संतोषजनक रहता है तो उनके कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाया जा सकेगा। सरकार ने निजी क्षेत्रों से मंत्रालयों में अधिकारी बनाने के लिए अधिसूचना जारी की है। जिसमें 30 जुलाई तक आवेदन तक मांगे गए हैं। आवेदक को 15 साल का अनुभव होना अनिवार्य है। नियुक्त होने वाले जॉइंट सेक्रटरीज का कार्यकाल 3 से 5 साल का होगा।
डीओपीटी की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि ज्वॉइंट सेक्रेटरी बनने के लिए न्यूनतम उम्र 40 साल होना चाहिए। हालांकि अधिकतम उम्र की सीमा तय नहीं की गई है। कार्यकाल तीन साल का होगा, लेकिन कामकाज संतोषजनक रहने वाले कार्यकाल पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है। प्राइवेट नौकरी से सीधे इस पद पर नियुक्त होने वाले लोगों को ज्वॅाइंट सेक्रेटरी वाली सारी सुविधाएं और वेतन मिलेंगे। चयन के लिए बस एक इंटरव्यू देना होगा और कैबिनेट सेक्रटरी के नेतृत्व में बनने वाली कमेटी इनका इंटरव्यू लेगी। योग्यता के अनुसार सामान्य ग्रेजुएट और किसी सरकारी, पब्लिक सेक्टर यूनिट, यूनिवर्सिटी के अलावा किसी प्राइवेट कंपनी में 15 साल काम का अनुभव रखने वाले भी इन पदों के लिए आवेदन दे सकते हैं। अभी सरकार 10 मंत्रालयों में एक्सपर्ट जॉइंट सेक्रटरी को नियुक्त करेगी। जिनमें फाइनेंस सर्विस, इकनॉमिक अफेयर्स, ऐग्रिकल्चर, रोड ट्रांसपोर्ट, शिपिंग, पर्यावरण, रिन्यूअबल एनर्जी, सिविल एविएशन और कॉमर्स शामिल हैं।