भारतीय नौसेना ने गहरे समुद्र में पनडुब्बी के दुर्घटनाग्रस्त होने की स्थिति में बचाव और राहत कार्य
की क्षमता हासिल कर ली है। नौसेना ने बचाव एवं राहत कार्य में मदद देने वाले पहले पोत को सेवा में तैनात कर दिया है। इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शुमार हो गया है, जिनके पास ये क्षमता है।
नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डी के शर्मा ने बताया कि पोत डीप सबर्मजेंस रेस्क्यू वेसेल (डीएसआरवी) की तैनाती के साथ भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिसके पास संकट में फंसी पनडुब्बी का पता लगाने और बचाव करने की क्षमता है। वर्तमान में अमेरिका, चीन, रूस सहित कुछ ही देशों के पास डीएसआरवी को तैनात करने की क्षमता है।
कैप्टन शर्मा ने कहा कि भारतीय नौसेना पहले डीप सबर्मजेंस रेस्क्यू व्हेकिल को शामिल करने के साथ उस देशों के समूह में शामिल हो गया, जिसके पास संकट में फंसी पनडुब्बी को तलाश, चिन्हित और मदद मुहैया कराने की क्षमता है। डीएसआरवी का उपयोग दुर्घटना या आपात स्थिति में पनडुब्बी के कर्मियों को बचाने में किया जाता है। इसके साथ ही इसका उपयोग समुद्र के भीतर तार बिछाने सहित विभिन्न अभियानों के लिए भी किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि दूसरे डीएसआरवी को अगले साल विशाखापत्तनम में तैनात किए जाने की संभावना है।