जालंधर में आयोजित 106वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस में भविष्य का भारत, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विषय पर बोलते हुए रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नया नारा दिया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री के प्रसिद्ध नारे जय जवान जय किसान और स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नारे जय विज्ञान में जय अनुसंधान जोड़ दिया।
इस कांग्रेस की विषयवस्तु भावी भारतःविज्ञान और प्रौद्योगिकी का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की असली ताकत विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार को लोगों के साथ जोड़ने में है। प्रधानमंत्री ने अतीत के महान वैज्ञानिकों जेसी बोस, सीवी रमण, मेघनाद साहा और एसएम बोस जैसे आचार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन लोगों ने न्यूनतम संसाधन और अधिकतम प्रयास के जरिए जनता की सेवा की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सैकड़ों भारतीय वैज्ञानिकों का जीवन और कार्य प्रौद्योगिकी विकास और राष्ट्र निर्माण के संबंध में उनके गहरे बुनियादी दृष्टिकोण की समग्रता का परिचायक है। हमारे विज्ञान के आधुनिक मंदिरों के माध्यम से भारत अपने वर्तमान को बदल रहा है और अपने भविष्य को सुरक्षित करने का काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि विज्ञान का लक्ष्य दो उद्देश्यों को प्राप्त करने से पूरा होता है-सघन ज्ञान का सृजन और इस ज्ञान को सामाजिक-आर्थिक भलाई में लगाना।