भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 7 दिन के लिए तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा। इस पर 10 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। आज शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कक्षा की एक परिक्रमा से अधिकतम सात दिनों की मिशन अवधि में भू-केंद्रित कक्षा में भारतीय मानव अंतरिक्ष विमान क्षमता वाले गगनयान कार्यक्रम को अपनी मंजूरी दे दी है। मानव निर्धारित जीएसएलवी एमके-III का उपयोग कक्षा मॉड्यूल को ले जाने में होगा। इस मॉड्यूल में मिशन की अवधि के लिए तीन अंतरिक्ष यात्री (क्रू सदस्यों) के लिए आवश्यक प्रावधान होंगे। क्रू प्रशिक्षण के लिए आवश्यक मूलभूत संरचना, विमान प्रणालियों की प्राप्ति तथा जमीनी आधारभूत ढांचा तैयार करके गगनयान कार्यक्रम को समर्थन दिया जाएगा। इसरो राष्ट्रीय एजेंसियों, प्रयोगशालाओं, शिक्षा संस्थानों तथा उद्योग क्षेत्र के साथ व्यापक सहयोग करके गगनयान कार्यक्रम के उद्देश्यों को सार्थक बनाएगा।
गगनयान कार्यक्रम के लिए 10,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी, जिसमें टेक्नोलॉजी विकास लागत, विमान हार्डवेयर प्राप्ति तथा आवश्यक ढांचागत तत्व आदि सम्मिलित रहेंगे। इसमें दो मानवरहित विमान तथा एक मानवचालित विमान गगनयान कार्यक्रम के भाग के रूप में चलाया जाएंगे। गगनयान कार्यक्रम इसरो तथा शिक्षा जगत, उद्योग, राष्ट्रीय एजेंसियों तथा अन्य वैज्ञानिक संगठनों के बीच सहयोग के लिए व्यापक ढांचा तैयार करेगा। इस कार्यक्रम से विभिन्न प्रौद्योगिकी तथा औद्योगिक क्षमताओं को एकत्रितकरके शोध अवसरों तथा टेक्नोलॉजी विकास में व्यापक भागीदारी को सक्षम बनाया जाएगा, जिससे बड़ी संख्या में विद्यार्थी और शोधकर्ता लाभान्वित होंगे। विमान प्रणाली की प्राप्ति उद्योग के माध्यम से की जाएगी। इससे रोजगार सृजन होगा और एडवांस टेक्नोलॉजी में मानव संसाधानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय विकास के लिएबड़ी संख्या में युवा विद्यार्थियों को विज्ञान और टेक्नोलॉजी की पढ़ाई के लिए प्रेरित करेगा। गगनयान कार्यक्रम एक राष्ट्रीय प्रयास है और इसमें उद्योग, शिक्षा जगत तथा देशभर में फैली राष्ट्रीय एजेंसियों की भागीदारी होगी।