भारत-मलेशिया रक्षा सहयोग के एक हिस्से के रूप में 30 अप्रैल से 13 मई तक मलेशिया के हुलु लंगट स्थित सेंगई परडिक के घने जंगलों में एक संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास हरिमऊ शक्ति का संचालन किया जाएगा। इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के मध्य परस्पर सहयोग और समन्वय बढ़ाना तथा घने जंगलों में अराजकता निरोध कार्रवाई के संचालन में विशेषज्ञता को साझा करना है।
भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व देश की सबसे पुरानी बटालियनों में से एक, 4 ग्रेनेडियर्स कर रही है। इस बटालियन के पास पारंपरिक तथा अराजकता निरोध कार्रवाई का समृद्ध अनुभव है। मलेशियाई दल का प्रतिनिधित्व 1 रॉयल रंजेर रेजिमेंट तथा रॉयल मलय रेजिमेंट के सैनिक कर रहे हैं। ये दोनों रेजीमेंट जंगल युद्ध में विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं। पहली बार मलेशिया की भूमि पर भारत – मलेशिया सैनिकों का इतने बडे पैमाने पर संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास का आयोजन हो रहा है। इस अभ्यास के अंतर्गत पहले परस्पर प्रशिक्षण चरण तथा इसके बाद हुलु लंगट के जंगलों में 7 दिनों का क्षेत्र प्रशिक्षण चरण आयोजित किया जाएगा। इसके तहत दोनों सेनाएं संयुक्त रूप से प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी, योजनाएं बनायेंगी तथा प्रशिक्षण गतिविधियों की एक श्रृंखला का संचालन करेगी। इसका फोकस जंगल युद्ध में रणनीतिक कार्रवाई पर रहेगा। इस अभ्यास से दोनों ही सेनाओं को अपने युद्ध कौशल दिखलाने का अवसर प्राप्त हुआ है और यह भारत तथा मलेशिया के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने में योगदान प्रदान करेगा।