प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर आज केवडि़या, गुजरात में विश्व प्रसिद्ध स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर उन्हें पुष्पाजंलि अर्पित की। सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर एक भारत श्रेष्ठ भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की भावना के अनुरूप देश भर में एकता दौड़ का आयोजन किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि सरदार पटेल को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। राष्ट्र के प्रति उनका योगदान स्मरणार्थ है।
उन्होंने कहा कि वो भारत को एकता के सूत्र में बांधने वाले महान वीर थे। सरदार पटेल किसानों के नेता और महान प्रशासक थे और निर्धनों के हितों की रक्षा करने के मुद्दे पर समझौता नहीं करने वाले थे। भारत सरदार पटेल के असाधारण योगदान का हमेशा स्मरण करता रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जिस तरह किसी श्रद्धास्थल पर आकर असीम शांति मिलती है, एक नई ऊर्जा मिलती है, वैसी ही अनुभूति मुझे यहां सरदार साहब के पास आकर होती है। भारत की विशेषता है विविधता में एकता। विविधता में एकता हमारा गर्व है, हमारा गौरव है, पहचान है। हम भारत के लोग, ये सिर्फ शब्द नहीं हैं, हमारे संविधान की शुरुआत नहीं है। ये हजारों वर्षों से चली आ रही भारतीयों की एकता का प्रतिबिंब है।
उन्होंने कहा कि जो हमसे युद्ध में नहीं जीत सकते, वो हमारी एकता को चुनौती दे रहे हैं, इसे तोड़ना चाहते हैं। लेकिन वो भूल जाते हैं कि सदियों की ऐसी ही कोशिशों के बावजूद हमें कोई मिटा नहीं सका, हमारी एकता को परास्त नहीं कर सका। कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दशकों तक हम भारतीयों के बीच आर्टिकल 370 ने एक अस्थायी दीवार बना रखी थी। हमारे जो भाई-बहन इस अस्थायी दीवार के उस पार थे, वो भी असमंजस में रहते थे। जो दीवार कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद बढ़ा रही थी, अब वो दीवार गिरा दी गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर केवडिया में लोगों को राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ भी दिलाई।