सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के समाधान के लिये इसे मध्यस्थता पैनल को सौंपने का निर्णय सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि अयोध्या विवाद में मध्यस्थता होगी। मध्यस्थता प्रक्रिया फैजाबाद में आयोजित की जाएगी। इसकी अध्यक्षता जस्टिस एफएम कलीफुल्लाह करेंगे और इसमें श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू भी शामिल होंगे। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में 14 याचिकाएं दायर हुई हैं। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि अयोध्या में 2.77 एकड़ की विवादित भूमि तीनों पक्षकारों सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर बांट दी जाये।