दक्षिण-पश्चिम मानसून के 29 मई को केरल पहुंचने की संभावना दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल 1 जून तक पहुंचता है, जिसमें करीब 7 दिन का अंतर हो सकता है। मानसून आने के साथ ही क्षेत्र में बारिश के मौसम की शुरूआत हो जाती है और जैसे ही मानसून उत्तर की ओर बढ़ता है, क्षेत्र को चिलचिलाती गर्मी से राहत मिल जाती है। भारतीय मौसम विभाग 2005 से केरल में मानूसन की तारीख की भविष्यवाणी कर रहा है। इसके लिए स्वदेश में ही विकसित आधुनिक सांख्यिकीय मॉडल का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मॉडल में 6 प्रकार की भविष्यवाणियां हैं- i) उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान ii) दक्षिण प्रायद्वीप में मानसून पूर्व अधिकतम वर्षा iii) दक्षिणी चीन के समुद्र में आउटगोइंग लोंग वेव रेडिएशन iv) दक्षिण पूर्व हिंद महासागर में निम्न क्षोभमंडल क्षेत्र v) पूर्वी भूमध्यरेखीय हिंद महासागर पर उच्च क्षोभमंडल क्षेत्र और vi) दक्षिण-पश्चिम प्रशांत क्षेत्र में आउटगोइंग लोंग वेव रेडिएशन। भारतीय मौसम विभाग की मानसून की तारीख की भविष्यवाणी केवल 2015 को छोड़कर पिछले 13 वर्षो (2005-2017) में सही साबित हुई है।
सामान्य तौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून 20 मई के आस-पास अंडमान समुद्र की तरफ बढ़ता है, जिसमें करीब एक सप्ताह का अंतर होता है। अंडमान समुद्र और दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के 23 मई को बढ़ने के लिए अनुकूल स्थितियां बन रही हैं। पिछले आंकड़ों से पता लगता है कि केरल में मानसून की तारीख का अंडमान समुद्र की तरफ मानसून के बढ़ने से कोई संबंध नहीं है।