कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए मास्क और सैनिटाइजर की बिक्री में उछाल आया है। इनकी बिक्री बढ़ने से कंपनी से लेकर खुदरा विक्रेता मुनाफा कमाने में जुट गए थे, जिसके चलते मास्क (2 प्लाई एवं 3 प्लाई सर्जिकल मास्क, एन95 मास्क) और हैंड सैनिटाइजर या तो बाजार में अधिकांश विक्रेताओं के पास उपलब्ध नहीं है, अथवा बहुत अधिक कीमतों पर काफी मुश्किल से उपलब्ध हो रहे हैं।
लेकिन मास्क और सैनिटाइजर की मुनाफाखोरी रोकने के लिए सरकार ने सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की अनुसूची में संशोधन करते हुए, इन वस्तुओं को दिनांक 30 जून 2020 तक आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत आवश्यक वस्तु के रूप में घोषित करने के लिए एक आदेश अधिसूचित किया है। सरकार ने विधिक माप विज्ञान अधिनियम के तहत एक एडवाइजरी भी जारी की है। आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत, राज्य, विनिर्माताओं के साथ विचार-विमर्श करके उनसे इन वस्तुओं की उत्पादन क्षमता बढ़ाने, आपूर्ति श्रृंखला को सुचारू बनाने के लिए कह सकते हैं जबकि विधिक माप विज्ञान अधिनियम के तहत राज्य इन दोनों वस्तुओं की अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर बिक्री सुनिश्चित कर सकते हैं।