सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले बयान देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने भारत निर्वाचन आयोग को कार्यवाही करने के लिए निर्देश देने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग इसे लेकर पहले ही कार्यवाही कर चुका है, इसलिए अब इस याचिका का कोई मतलब नहीं रह गया है और इसे खारिज किया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर सुष्मिता देब चाहें तो चुनाव आयोग की क्लीन चिट वाले फैसलों पर नए सिरे से याचिकाएं दाखिल की जा सकती हैं। चुनाव आयोग ने अपने जवाब में कहा था कि हमारे पास जो शिकायत आई थी वह कांग्रेस के नाम से आई थी, ना कि सुष्मिता देव के नाम से। गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने कोर्ट में दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के भाषणों के कारण धार्मिक आधार पर नफरत की भावना फैल रही है। उन्होंने मंगलवार को कोर्ट के सामने दावा किया कि चुनाव आयोग इसका विश्लेषण करने में नाकाम रहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के कथित नफरत वाले भाषण गलत आचरण हैं और इससे धार्मिक आधार पर आपसी वैमनस्य की भावना फैल रही है और प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के नफरत फैलाने वाले बयानों पर चुनाव आयोग कार्यवाही करने में नाकाम रहा है।