हम स्मार्टफोन खरीदते समय कम दाम में ज्यादा विशेषताओं वाला मोबाइल लेना चाहते हैं। मोबाइल लेते समय हम मेमोरी, रैम, कैमरा, स्क्रीन साइज पे तो ध्यान देते हैं, लेकिन मोबाइल से निकलने वाले जानलेवा रेडिएशन के स्तर की हम जांच नहीं करते या हम में से बहुत सारे लोग इस बारे में जानते ही नहीं हैं। आज हर काम मोबाइल से हो रहे हैं, जिससे हमारे जीवन में मोबाइल की उपयोगिता बहुत बढ़ गई है। लेकिन मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन को नजरअंदाज करना हमारे लिए जानलेवा हो सकता है।
मोबाइल से जो रेडिएशन निकलती है उसे Specific Absorption Rate यानि SAR कहा जाता है। भारत में SAR 1.6 वॉट प्रति किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अगर यह इससे ज्यादा है तो, यह यूजर के लिए जानलेवा हो सकता है। अपने मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन स्तर की जांच के लिए अपने मोबाइल से *#07# कोड डायल करें, जिसके बाद इससे जुड़ी सभी जानकारी मोबाइल स्क्रीन पर आ जायेगी। अगर मोबाइल का SAR 1.6 वॉट प्रति किलो से ज्यादा है तो आपको फोन बदल लेना चाहिए। SAR 1.6 वॉट प्रति किलो से ज्यादा रेडिएशन उत्सर्जित करने वाले मोबाइल दिमाग के साथ-साथ शरीर के लिए खतरनाक हैं। मोबाइल के रेडिएशन की वजह से ब्रेन कैंसर समेत बहरापन, सुनने में परेशानी, हार्ट फेलियर, न्यूरोडेगेनेरेटिव डिसऑर्डर जैसी अनेक जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं।