20 नवंबर को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने वाली आमिर खान की फ़िल्म ठग्स ऑफ हिंदोस्तां विवादों में फंस गई है। अधिवक्ता हंसराज चौधरी ने अभिनेता आमिर खान सहित निर्माता, निर्देशक के खिलाफ जाति विशेष को अपमानित कर मानहानि करने एवं भावनाओं को ठेस पहुंचाने का परिवाद दर्ज किया है। फिल्म का टाइटल बदलने एवं मल्लाह के पहले फिरंगी शब्द हटाने सम्बन्धी ज्ञापन दो दिन पहले निषाद समाज के लोगों ने भी जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को सौंपा था। आमिर खान की फिल्म ठग्स ऑफ हिंदोस्तां एक अंग्रेजी उपन्यासकार के उपन्यास पर आधारित है जो आजादी के पूर्व आजादी के दीवानों को आतंकवादी, ठग आदि शब्द कहते थे। फिल्म में 1795 की घटना दिखाई गई है, फ़िल्म में आमिर के अलावा अमिताभ बच्चन, फातिमा सना शेख, कैटरीना कैफ मुख्य भूमिका में नजर आएंगे।
उत्तर प्रदेश के जौनपुर शहर अधिवक्ता हंसराज चौधरी ने फिल्म के निर्माता आदित्य चोपड़ा, निर्देशक विजय कृष्णा, अभिनेता आमिर खान के खिलाफ जाति विशेष को अपमानित कर मानहानि करने एवं इस केस की सुनवाई 12 नवंबर को होनी है। परिवाद में कहा गया है कि फिल्म की कहानी केवल कानपुर जिले की है, फिर टाइटल ठग्स आफ हिंदुस्तान रखना फिल्मकारों की दुर्भावना दर्शाता है। फिल्म में आमिर खान को फिरंगी मल्लाह से संबोधित किया गया है। फिल्मकार जानते हैं कि विरोध पर फिल्म ज्यादा चलेगी। विरोध न होने पर लोग निषाद-मल्लाह को ठग व फिरंगी समझेंगे। फिल्मकारों के इस कृत्य से जातियों में घृणा व वैमनस्य की भावना पैदा हुई। साथ ही सौहार्द व देश की एकता व अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।