उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुंकुंद नरवाने अगले सेना प्रमुख होंगे। सरकार ने उन्हें थल सेना अध्यक्ष के पद पर नियुक्त करने का फैसला लिया है। वे मौजूदा थल सेना प्रमुख बिपिन रावत के सेवानिवृत्त होने के बाद पदभार संभालेंगे। सेना प्रमुख रावत 31 दिसबंर को सेवानिवृत हो रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने को सेना में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, अतिविशिष्ट सेवा मेडल, सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। सेवानिवृत हो रहे जनरल बिपिन रावत भी उत्तम सेवा मेडल, अतिविशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेवा मेडल,विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किए जा चुके हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने ने अपनी स्कूली शिक्षा पुणे के दनयाना प्रबोधिनी प्रशाला से प्राप्त की। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सेना अकादमी के पूर्व छात्र भी रह चुके हैं। उन्हें जून 1980 में सिख लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंट की सातवीं बटालियन में कमिशन्ड किया गया था। उन्होंने डिफेंस स्टडीज में स्नातकोत्तर डिग्री तथा रक्षा और प्रबंधन विषय में एम फिल की डिग्री हासिल की है और इस समय डाक्टरेट की पढ़ाई कर रहे हैं। वह वर्तमान में सेना के पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ पद पर कार्यरत हैं।
अपनी करीब चार दशक की सैन्य सेवा के दौरान जनरल नरवाने ने देश के पूर्वोत्तर हिस्से तथा जम्मू-कश्मीर में शांति और युद्ध दोनों काल में कई महत्वपूर्ण अभियानों का नेतृत्व किया है। इसके अलावा वह श्रीलंका में ऑपरेशन पवन के दौरान भारतीय शांति सेना के सदस्य के रूप में भी काम कर चुके हैं।
जनरल नरवाने के पास बेहद चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में काम करने का खासा अनुभव है। वह राष्ट्रीय राइफल्स के सिख लाइट इन्फेंट्री की दूसरी बटालियन,नगालैंड में कोहिमा में असम राइफल्स की 106 वी इन्फेंट्री बिग्रेड और दूसरी कोर का भी नेतृत्व कर चुके हैं। इसके अलावा वे एक इन्फेंट्री बिग्रेड के मेजर, हेडक्वाटर स्टेबलिशमेंट नंबर 22 में असिसेटेंट एडजुडेंट एंड क्वाटरमास्टर जनरल, यांगून में रक्षा अताचे तथा आर्मी वॉर कॉलेज में प्रशिक्षण अधिकारी के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। उन्हें दिल्ली स्थित रक्षा मंत्रालय मुख्यालय में भी काफी समय तक काम करने का अनुभव है।
जनरल नरवाने को दिल्ली के जनरल ऑफिसर इन कमांडिंग के रूप में 2017 में राजधानी में गणतंत्र दिवस परेड का नेतृत्व करने का अवसर प्राप्त हो चुका है। शिमला स्थित सेना प्रशिक्षण कमान का सफल नेतृत्व करने के बाद उन्होंने 1 अक्टूबर 2018 को सेना की पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर इन कमांडिंग इन चीफ का पद भार संभाला। वह वर्तमान में इसी पद पर कार्यरत हैं।