नई दिल्ली (हि.स.)। देश के 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर निकलने वाली परेड का आगाज पहली बार 100 महिला कलाकार पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ करेंगी।
मंगलवार को संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में केन्द्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने बताया कि विकसित भारत और भारत-लोकतंत्र की मातृका थीम पर होने वाली परेड का पहली बार आगाज 100 महिला कलाकार अपने अपने राज्यों के वेषभूषा के साथ शंख, नगाड़ा और अन्य पारंपरिक वाद्य यंत्रों को बजाते हुए करेंगी। इसके साथ पहली बार 30 राज्यों की 1500 महिला कलाकार लोकनृत्य और शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत करेंगी। इसके साथ कर्तव्य पथ पर सभी राज्यों की करीब 1900 साड़ियां प्रदर्शित की जाएंगी।
संगीत नाटक अकादमी की सचिव संध्या पुरेचा ने बताया कि 26 जनवरी परेड की शुरुआत हमेशा सैन्य बैंड के साथ की जाती है लेकिन इस बार देशभर की 100 महिला सांस्कृतिक कलाकार पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ परेड का आगाज करेंगी। पिछले एक महीने से ये महिलाएं नृत्य प्रस्तुति की प्रैक्टिस कर रही हैं। आज से शुरू हो रहे पराक्रम दिवस के बारे में बताते हुए संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव अमिता प्रसाद सरभाई ने बताया कि इस कार्यक्रम में नेता जी सुभाष चंद्रबोस के जीवन के बारे में कई प्रदर्शनी लगाई गईं हैं। इसमें पेंटिंग्स प्रदर्शनी और नेता जी पर लिखी गई किताबों की प्रदर्शनी शामिल हैं।
अमिता प्रसाद ने बताया कि पराक्रम दिवस कार्यक्रम में कलाकार सुदर्शन पटनायक द्वारा पूर्वोत्तर राज्य के मोरांग से लाई गईं मिट्टी से कलाकृतियां बनाई जाएंगी। नेता जी के भाषणों को भी सुना जा सकता है। इसके साथ 270 डिग्री का थियेटर बनाया गया है, जहां उनके जीवन पर वीडियो पर भी देखा जा सकता है। इस कार्यक्रम का खास आकर्षण लाइट एंड साउंड शो है, जो दीवाने आम की दीवार पर दिखाया जाएगा।