लखनऊ (हि.स.)। श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या पर्यटकों को आकर्षित करने वाला धर्मस्थल होगा। इससे रोजगार बढ़ने के साथ अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार मिलेगी। बड़ी संख्या में पर्यटकों के आगमन के दृष्टिगत टूरिस्ट गाइड की आवश्यकता को लेकर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने तैयारियां कर ली हैं। अब तक 135 गाइड तैयार किए जा चुके हैं, जो 14 भाषाओं में पर्यटकों से बात कर सकेंगे। इन गाइडों को 10 वर्ष के लिये लाइसेंस दिया गया है। इन्हें ज्यादातर भारतीय भाषाओं का ज्ञान है और अधिकांश गाइड अयोध्या एवं उसके आसपास के रहने वाले हैं।
उत्तर प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि कांशीराम इंस्ट्यूट आफ टूरिज्म मैनेजमेंट लखनऊ एमकेआइटीएम टूरिस्ट गाइड तैयार करने के लिए अधिकृत संस्था है। अयोध्या में टूरिस्ट गाइड के प्रशिक्षण के लिए एमकेआइटीएम में लगभग 235 छात्रों ने आवेदन किया था। इनमें प्रशिक्षण के लिए 167 छात्रों को योग्य पाया गया था। इन छात्रों को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार करीब 40 दिन प्रशिक्षण के बाद परीक्षा कराई गई। परीक्षा में 148 छात्र उपस्थित हुए। इसमें 135 पास हुए। इन छात्रों को सर्टिफिकेट भी जारी किया गया है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि 40 दिन के प्रशिक्षण के बाद उत्तीर्ण हुए 135 छात्रों को लोकल लेवल टूरिस्ट गाइड का लाइसेंस दिया गया है। यह लाइसेंस 10 वर्षों के लिए वैध होगा। इसके बाद रिन्यूअल भी हो सकता है। संस्थान की ओर से अयोध्या में पहले से 13 टूरिस्ट गाइड सेवा दे रहे हैं।
हिंदी-अंग्रेजी के साथ इन भाषाओं के भी गाइड
कांशीराम इंस्ट्यूट आफ टूरिज्म मैनेजमेंट लखनऊ में करीब 40 दिन की अवधि में बांग्ला, गुजराती, नेपाली और तेलगू का प्रशिक्षण दिया गया है। जिन छात्रों ने जिस भाषा का चयन किया था, उन्हें उसका प्रशिक्षण दिया गया है। लगभग सभी छात्रों को हिंदी और अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है। इसके अलावा कुछ छात्रों को मराठी, पंजाबी, सिंधी, तमिल, कन्नड़, फ्रेंच, रशियन और कोरियन भाषा में भी संवाद कर सकेंगे।