भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने आगाह किया है कि चक्रवात ‘वायु’ के 13 जून पूर्वाह्न यानी सुबह के बाद 145-155 किलोमीटर प्रति घंटा से लेकर 170 किलोमीटर प्रति घंटा तक की तेज़ रफ्तार की हवाओं के साथ एक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में वेरावल के पश्चिम में पोरबंदर और दीव के बीच गुजरात के तट को पार करने का अनुमान है। इससे गुजरात के तटीय जिलों में भारी बरसात हो सकती है। इस बढ़ते तूफान से करीब 1.5 से 2 मीटर तक बहुत ऊंची लहरें उठ सकती हैं जो भूस्खलन के समय कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़, दीव, गिर सोमनाथ, अमरेली और भावनगर जिलों के निचले तटीय क्षेत्रों में बाढ़ का कारण बन सकती हैं। मौसम विभाग सभी संबंधित राज्यों को नियमित बुलेटिन जारी कर रहा है।
गुजरात में करीब 1.6 लाख लोगों को निचले इलाकों से हटाकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा चुका था और 3 लाख लोगों को हटाने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसी तरह दीव में 8000 लोगों को हटा लिया गया था और 10000 से ज्यादा लोगों को निचले स्थानों से निकालने का काम पूरा किया जा रहा है।
दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को आदेश जारी किए हैं कि वे बिना अतिरिक्त शुल्क के इंटर-सर्किल रोमिंग की अनुमति दें। गृह मंत्रालय लगातार राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और संबंधित केंद्रीय एजेंसियों से संपर्क बनाए हुए है। एनडीआरएफ ने अपने 52 दलों को पहले से तैनात कर दिया है जो नावों, पेड़ काटने वाले उपकरणों और दूरसंचार उपकरणों आदि से लैस हैं।
भारतीय तटरक्षक बल, नौसेना, सेना और वायु सेना की टुकड़ियों को आपात तैनाती की मुद्रा में रख दिया गया है और निगरानी विमान व हैलीकॉप्टर हवाई निगरानी के काम कर रहे हैं।
राज्य और केंद्रीय एजेंसियों की मुस्तैदी की समीक्षा करते हुए केंद्रीय गृह सचिव ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी एहतियाती उपाय किए जाएं ताकि सुनिश्चित किया जा सके कोई इंसानी जान न जाए और बुनियादी ढांचों की क्षति न्यूनतम हो। उन्होंने राहत शिविरों में मूलभूत खाद्य सामग्री, पेयजल और दवाइयां उपलब्ध करवाने और विद्युत, दूरसंचार, स्वास्थ्य आदि सभी बुनियादी सेवाओं की संभाल करने और इन्हें क्षति पहुंचने की स्थिति में इनकी तुरंत बहाली को सुनिश्चित करने की व्यवस्थाओं की समीक्षा की।