मध्यप्रदेश को अभूतपूर्व जनादेश के साथ नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का नेतृत्व मिलना, राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक प्रदेश यात्राओं, अनूठी विकास योजनाओं, जी-20 की ऐतिहासिक बैठकों, इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन, सातवें ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जैसे प्रतिष्ठित आयोजनों के कारण वर्ष 2023 मध्यप्रदेश के लिए अभूतपूर्व घटनाओं का वर्ष बन गया। विकास के कई क्षेत्रों में मध्यप्रदेश देश में आगे रहा।
वर्ष 2023 की शुरुआत से ही प्रदेश के समकालीन सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में उल्लेखनीय घटनाएं दर्ज होना शुरू हो गई थीं। वर्ष के आखिरी महीने में 13 दिसंबर को डॉक्टर मोहन यादव ने मध्यप्रदेश के 19 में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और 25 दिसंबर को 28 सदस्यों का मंत्रिमंडल बना। इसके साथ ही नई सरकार, नए ऊर्जावान नेतृत्व के साथ नई आशाओं से भरे 2024 में प्रवेश कर रही है।
वर्ष 2023 की शुरुआत इंदौर में आयोजित 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के शुभारंभ के साथ हुई जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया और समापन राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने किया।
इसके बाद फरवरी महीने की शुरुआत में आवासहीन और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हितों के लिए स्वराज नीति 2023 अस्तित्व में आई। खेलो इंडिया यूथ गेम्स का गरिमापूर्ण आयोजन हुआ। मध्यप्रदेश ने 39 स्वर्ण पदक जीते। भोपाल के पास इस्लामनगर को 308 सालों बाद अपना असली नाम जगदीशपुर और खोई पहचान मिली।
इंदौर नगर निगम ने सौर ऊर्जा के लिए ग्रीन बॉन्ड जारी कर इतिहास बनाया। इसी महीने एक और रिकॉर्ड बनाते हुए हैं मध्यप्रदेश ने 2657 अमृत सरोवर बनाकर देश में दूसरे नंबर पर रहा।
मार्च महीने की शुरुआत सातवें अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन के साथ हुई जिसका उद्घाटन राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने किया। इसके अलावा फसल क्षति की राहत राशि बांटने में देश में मध्यप्रदेश सबसे आगे रहा। पवित्र क्षेत्रों की सूची में दमोह के कुंडलपुर सिद्ध क्षेत्र और श्री जागेश्वर नाथ क्षेत्र को शामिल कर पवित्र क्षेत्र घोषित किया गया।
इसके बाद अप्रैल माह में मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन योजना लागू करने का निर्णय हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रीवा में आयोजित राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए और गांव की सामाजिक, आर्थिक और पंचायत राज व्यवस्था को मजबूत बनाने संकल्प दोहराया। जल जीवन मिशन में बुरहानपुर जिला देश में आदर्श जिला बना। इसी महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रसिद्ध मन की बात का 100 वां एपिसोड पूरा हुआ।
मई महीने की शुरुआत में ही 11 लाख से ज्यादा डिफाल्टर किसानों का 2123 करोड़ रुपए का कर्ज माफ हुआ। जल संसाधनों के प्रबंध-संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार मिला। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में नया आयाम जोड़ते हुए देश में पहली बार बुजुर्गों को विमान से तीर्थ यात्रा कराई गई। उन्हें प्रयागराज तीर्थ ले जाया गया।
राज्य सरकार ने एक और महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए 31 दिसंबर 2022 तक की सभी अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध कर दिया। साथ ही अवैध कॉलोनियों के बनने पर रोक लगा दी। मई के आखिर में 2752 कॉलोनियां को वैध घोषित किया गया। साथ ही अतिक्रमण से मुक्त 23000 एकड़ भूमि के उपयोग के लिए स्वराज कॉलोनी योजना लागू की गई। शहरी अधोसंरचना के विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण इंदौर और भोपाल से मेट्रो रेल का ट्रायल रन हुआ। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की कनेक्शनधारी बहनों को गैस रिफिल 450 रूपये में उपलब्ध कराने का ऐतिहासिक निर्णय भी इसी माह हुआ।
जून के महीने में 12वीं क्लास में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को ई-स्कूटी देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। करीब 9000 विद्यार्थियों को ई-स्कूटी मिली। सहकारिता आंदोलन की दिशा में आगे बढ़ते हुए मध्यप्रदेश की सहकारिता नीति लागू की। अधोसंरचना विकास के लिए भी जून का महीना महत्वपूर्ण रहा जब प्रधानमंत्री से नरेंद्र मोदी ने रानी कमलापति स्टेशन से पांच वंदे भारत ट्रेन को रवाना किया।
जुलाई महीने की शुरुआत में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने सर जीवाजी राव सिंधिया म्यूजियम ग्वालियर का अवलोकन किया। पूरे प्रदेश में 16 जुलाई से 14 अगस्त तक विकास पर्व मनाया गया, जिसमें विकास कार्यों से आम लोगों को परिचित कराया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शहडोल के लालपुर से राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की शुरूआत की।
जुलाई का महीना प्रदेश के समकालीन इतिहास में इसलिए उल्लेखनीय रहेगा कि इस महीने में नीति आयोग ने विश्लेषण में बताया कि मध्यप्रदेश के एक करोड़ 36 लाख लोग गरीबी रेखा से बाहर आ चुके हैं। डिजिटल लैंड रिकॉर्ड मैनेजमेंट में भी मध्यप्रदेश ने बड़ी उपलब्धि हासिल की। वन्य जीव प्रबंधन में मध्यप्रदेश ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करते हुए टाइगर स्टेट दर्जा हासिल कर अंतर्राष्ट्रीय पहचान बनाई।
अगस्त महीने की शुरुआत में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने भोपाल में लोक जनजाति अभिव्यक्ति के पर्व “उत्कर्ष और उन्मेष” का शुभारंभ किया। इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1000 करोड रूपयों से 34 अमृत भारत रेलवे स्टेशनों का विकास करने का संकल्प दोहराया। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में भी मध्यप्रदेश आगे रहा। प्रदेश को 1074 गांवों के समग्र विकास के लिए 210.90 करोड रुपए मिले। प्रदेश में सामाजिक समरसता के युग की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री ने सागर जिले के बड़तूमा में संत रविदास स्मारक और कला संग्रहालय का भूमि पूजन किया।
सितंबर महीने की शुरुआत में महिला स्वयं-सहायता समूहों द्वारा संचालित देश के पहले टोल प्लाजा आगर मालवा के विश्व धरोहर चाचा खेड़ी उज्जैन के कायदा और छतरपुर के संजय नगर में शुरू हुए। विश्व प्रसिद्ध सांची देश की पहली सोलर सिटी बना। यहाँ 63 किलोवाट क्षमता के सौर संयंत्र घरेलू छतों पर लगाए गए। इससे वार्षिक 14000 टन से ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना आवास योजना इसी महीने लागू हुई। मध्यप्रदेश सांख्यिकी आयोग बनाने वाला पहला राज्य बना। आध्यात्मिक गौरव को स्थापित करते हुए ओंकारेश्वर में आदिगुरू शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची प्रतिमा की स्थापना हुई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीना में पेट्रो-केमिकल काम्प्लेक्स में 51 हजार करोड़ रूपये लागत की परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए कहा कि भारत को विश्व की प्रथम तीन अर्थव्यवस्थाओं में लाने में मध्य्रपदेश की भूमिका होगी।
मध्यप्रदेश को शामिल कर पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा के साथ 9 अक्टूबर को आचार संहिता लागू हुई और 17 नवम्बर को मतदान हुआ एवं 3 दिसम्बर को परिणाम आए। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को 163 विधानसभा सीटों पर विजय मिली। चुनाव में मतदान का प्रतिशत 77.15 रहा। महिलाओं का मतदान प्रतिशत 76.03 रहा। साल के अंतिम साप्ताह में 1282 तबला वादकों ने ग्वालियर में एक साथ वादन कर गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान दर्ज किया। डॉ. मोहन यादव ने 25 दिसम्बर को तबला दिवस घोषित किया।