कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के केंद्रीय बोर्ड ने एक बैठक में ईपीएफओ के सालाना डिपॉजिट का 5 प्रतिशत हिस्सा अल्टरनेटिव इनवेस्टेमेंट्स, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट InvITS भी शामिल है, में निवेश करने का निर्णय लिया है। ईपीएएफ के सेंट्रल बोर्ड ने भी इसकी अनुमति दे दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के केंद्रीय बोर्ड ने आगे बढ़ने के लिए अल्टरनेटिव फंड में निवेश की हरी झंडी दे दी है. फिलहाल केवल सरकार समर्थित अल्टरनेटिव फंड पर ही फोकस किया जाएगा। इसमें पब्लिक सेक्टर के फंड जैसे की InvITS आता है, इससे ईपीएफओ के इनवेस्टमेंट में विविधता आएगी।
वहीं जानकारों का कहना है कि इसमें जोखिम भी है जिस पर हमेशा ध्यान रखना होगा। हालांकि InvITS में निवेश की अनुमति केस-टु-केस बेसिस पर निर्भर करेगी इसकी इजाजत फाइनेंस इनवेस्टमेंट एंड ऑडिट कमेटी करेगी। केंद्र सरकार ने ईपीएफओ का पैसा अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट में निवेश करने की इजाजत इस साल की शुरुआत में ही दे दी थी। लेकिन नोटिफिकेशन मार्च में बोर्ड की पिछली बैठक के बाद ही जारी किया गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ईपीएफओ का कोष बढ़ रहा है और इसके निवेश को डाइवर्सिफाई करने की जरूरत है। दूसरी ओर इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को लॉन्ग टर्म फंड की भी जरूरत होती है। इस हिसाब से यह इस सेक्टर के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि उसे लंबी अवधि की परियोजनाओं के लिए पैसा मिल जाता है. बैंकों में बड़ी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को फाइनेंस करने की क्षमता नहीं रखते।
InvITS एक वैकल्पिक निवेश फंड है, जो म्यूचुअल फंड की तरह ही काम करता है। InvITS इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स को एक सिंगल एंटिटी के तहत अपने एसेट मोनेटाइज करने का विकल्प देता है। इसे सेबी रेगुलेट करता है। इसके अलावा एसएमई फंड और सोशल वेंचर फंड भी वैकल्पिक निवेश फंड के तहत आते हैं।