Tuesday, November 5, 2024
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बिजली कंपनियों में 50 हजार पद रिक्त, बिना मैनपावर प्रबंधन कर रहा शिखर पर पहुंचाने की कवायद

बिजली कंपनियों को सरकार और प्रबंधन ना केवल शिखर पर पहुंचाना चाहते हैं, अपितु सभी बिजली कंपनियों को मुनाफे में भी लाना चाहते हैं। लेकिन मैनपावर से जूझ रही इन बिजली कंपनियों को शिखर पर पहुंचाना कठिनाइयों से भरा है और ये बात सरकार और कंपनी प्रबंधन को जितनी जल्दी समझ आ जाए उतना ही अच्छा है। अन्यथा नियमित कर्मियों के बिना स्थितियां और भी गंभीर न हो जाए, क्योंकि किसी भी संस्था की उन्नति के लिए नियमित और भरोसेमंद मैनपावर बेहद जरूरी है।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की सभी उतरवर्ती बिजली कंपनियां मैनपावर की अत्यधिक कमी को लेकर जूझ रही हैं। सभी कंपनियों में लगभग 50000 नियमित पद खाली पड़े हुए हैं। साथ ही हर महीने बड़ी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं। उनके स्थान पर लगभग 14 वर्षों से नियमित भर्ती करने की बजाए कंपनियों को ठेकेदारों के हवाले किया जा रहा है।

ठेकेदार बिजली कंपनियों में आउटसोर्स कर्मी भर्ती करते हैं, जिनको करंट का कार्य करने का अधिकार नहीं होता। 14 वर्षों से लगातार मेंटेनेंस, राजस्व संग्रहण, करंट आदि का कार्य जमीनी अधिकारियों के द्वारा नियमविरुद्ध दबाव डालकर आउटसोर्स कर्मियों से कराया जा रहा है। जिसके कारण हजारों आउटसोर्स कर्मियों की मृत्यु हो गई है या फिर वे जीवन भर के लिए दिव्यांग हो गए हैं।

हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि अनेक प्रकरणों में परिवार के इकलौते लड़के के आउटसोर्स कर्मी होने और नियमविरुद्ध कार्य कराने के कारण करंट लगने से उसकी मृत्यु होने पर सैकड़ो परिवारों का पूरा वंश ही समाप्त हो गया है, मगर ऊर्जा मंत्री एवं प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा अनेक प्रकरणों में आउटसोर्स कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति भी नहीं दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों का कार्य उपभोक्ताओं के घरों को रोशन करना है और ये लंबे समय तक जारी रहेगा, इसलिए आउटसोर्स कर्मियों का विद्युत कंपनियों में संविलियन करने में देरी नहीं करना चाहिए। बिजली कंपनियों में लगातार 14 वर्षों से उपभोक्ता सेवा सर्वोपरि मानकर ठंड, बरसात एवं गर्मी की विकट परिस्थितियों में 24 घंटे आउटसोर्स, संविदा एवं नियमित कर्मचारी सेवा में जुटे रहते हैं।

संघ के राम समझ यादव, शंभू नाथ सिंह, रमेश रजक, एसके मौर्य, केएन लोखंडे, जेके कोष्टा, एसके शाक्य, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, विनोद दास, राम केवल यादव, रतिपाल यादव, शंकर लाल यादव, राजेश, असलम खान, विपतलाल विश्वकर्मा, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, संदीप यादव, राजेश यादव, हीरेंद्र रोहिदास, मदन पटेल, दशरथ शर्मा आदि ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एवं प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि मध्य प्रदेश के सभी जिलों की विद्युत व्यवस्था को सुचारू रूप से चलायमान रखने में आउटसोर्स कर्मियों की सबसे बड़ी भूमिका है। नियमित कार्य के लिए नियमित कर्मचारियों का होना अति आवश्यक है, अतः विद्युत मंडल की सभी बिजली कंपनियों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों को यथाशीघ्र नियमित किया जाए।

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