केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपनी चार-दिवसीय मणिपुर यात्रा के अंतिम दिन इम्फाल में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। अमित शाह ने हिंसा प्रभावित मणिपुर में सभी पक्षों से शांति बनाए रखने, चर्चा करने और सद्भावना बढ़ाने की अपील की। उन्होंने मणिपुर हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति मोदी सरकार की ओर से गहरी संवेदना व्यक्त की और सभी पक्षों से अफवाहों पर ध्यान ना देने, शांति बनाए रखने और सद्भावना बढ़ाने की अपील की।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मणिपुर हिंसा की जांच के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग गठित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मणिपुर की राज्यपाल की अध्यक्षता में एक शांति समिति भी गठित की जायेगी जिसमें सभी वर्गों और पक्षों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार और मणिपुर सरकार द्वारा राहत और पुनर्वास पैकेज के तहत 10 लाख रूपये की राशि हिंसा में जान गंवाने वालों के परिजनों को दी जाएगी। 5 लाख रूपए भारत सरकार और 5 लाख रूपये मणिपुर सरकार द्वारा दी जाने वाली ये राशि उनके बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि मणिपुर में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम कर रही सभी ऐजेंसियों के बीच बेहतर और बिना किसी पक्षपात के समन्वय के लिए सुरक्षा सलाहकार, कुलदीप सिंह की अध्यक्षता में इंटर-ऐजेंसी यूनिफाइड कमांड की स्थापना होगी। श्री शाह ने कहा कि हिंसा के बाबत दर्ज हुए सभी मामलों मे से चिन्हित किए गए 5 मामले और जनरल षड्यंत्र के एक मामले समेत 6 मामलों की CBI के विशेष दल से जांच कराई जाएगी और किसी भी पक्षपात और भेदभाव के बिना हिंसा के कारणों की जांच करके भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए दोषियों को दंडित करने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मणिपुर में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार ने निर्धारित कोटे के अतिरिक्त 30,000 मीट्रिक टन चावल भेजा है। इसके अलावा गैस सिलिंडरों, पेट्रोल और सब्जियों की आपूर्ति की व्यवस्था भी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि खोंगसांग (Khongsang) रेलवे स्टेशन पर एक टेम्परेरी प्लेटफॉर्म बनाकर मणिपुर को देश के बाकी हिस्सों से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जाएगी। श्री शाह ने बताया कि आवागमन मे सुगमता के लिए चूड़ाचांदपुर, मोरेह और कांगपोकपी से अस्थायी हेलीकॉप्टर सुविधा शुरू की जा रही है, जिससे सिर्फ 2000 रूपए प्रति व्यक्ति की दर से लोगों को एयरपोर्ट और सुदूर स्थानों तक यातायात सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि इस सेवा का बाकी खर्चा भारत सरकार और मणिपुर सरकार उठाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा बनाई गई 8 मेडिकल टीमों में से 3 टीमें मणिपुर पहुंच चुकी हैं और 5 टीमें जल्द पहुंचने वाली हैं। ये टीमें मोरेह, चूड़ाचांदपुर और कांगपोकपी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराएंगी।
अमित शाह ने कहा कि मणिपुर के विद्यार्थियों के लिए कम्पीटिटिव परीक्षाओं और शिक्षा व्यवस्था को निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी मणिपुर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ ऑनलाइन पढ़ाई, परीक्षा और डिस्टेंस शिक्षा की व्यवस्था पर एक कंक्रीट प्लान तैयार करेंगे, जिसे 2 दिनों में बना लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मणिपुर हाई कोर्ट में वर्चुअल माध्यम से पेशी के लिये चूड़ाचांदपुर, मोरेह और कांगपोकपी में जरुरी व्यवस्था की जा रही है। श्री शाह ने कहा कि मणिपुर में सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलें, इसके लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी और अलग-अलग मंत्रालयों के 5 निदेशक स्तर के अधिकारी मणिपुर में उपस्थित रहेंगे।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा म्यांमार और मणिपुर सीमा पर ट्रायल बेसिस पर 10 किलोमीटर बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है, 80 किलोमीटर के काम के टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और बाकी बची सीमा पर काम के लिए सर्वे जारी है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों से आने वाले लोगों के बायोमेट्रिक और आई इम्प्रेशन लेने का काम भी किया जा रहा है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि Suspension of Operation समझौते के किसी भी प्रकार के वायलेशन से सख्ती से निपटा जाएगा और उसे समझौते को भंग करने के रूप में लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संबंधित पक्षों को समझौते की सभी शर्तों का सख्ती से पालन करना चाहिए। श्री शाह ने कहा कि जिनके पास भी हथियार हैं वे हथियारों को पुलिस के सामने सरेंडरकरें और पुलिस के कॉम्बिंग ऑपरेशन के दौरान हथियार रखने वालोंके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अमित शाह ने सभी सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइज़ेशन से अपील करते हुए कहा कि ये समय शांति स्थापित करने और समाज के अंदर सद्भावना बढ़ाने का है। उन्होंने कहा कि सभी को शांति स्थापित करने और चर्चा व सद्भावना बढ़ाने का माहौल बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कोर्ट के एक फैसले के बाद 29 अप्रैल को मणिपुर में दो गुटों के बीच हिंसा की शुरूआत हुई। उन्होंने कहा कि गत 6 वर्षों से मणिपुर बंद, ब्लॉकेड, कर्फ्यू और हिंसा से मुक्त था और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में मणिपुर की श्री एन बीरेन सिंह जी की डबल इंजन की सरकार ने राज्य में विकास के सारे पैरामीटर्स में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने कहा कि ये 6 साल मणिपुर के इतिहास में विकास और शांति के 6 साल हैं, फिर चाहे यहां केन्द्रीय संस्थान खोलना हो, इन्फ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करना हो, औद्योगिक निवेश लाना हो, शैक्षणिक संस्थानों को सुचारू रूप से चलाकर मणिपुर को नॉर्थईस्ट का शिक्षा और खेलकूद का हब बनाना हो, हर क्षेत्र में शांति के कारण मणिपुर विकास के रास्ते पर चल रहा था।
अमित शाह ने कहा कि उन्होंने अपने मणिपुर प्रवास के दौरान हर पक्ष के लोगों से मुलाकात की, अस्थायी राहत शिविरों का दौरा किया, मणिपुर के अलग-अलग हिस्सों जैसे, इम्फाल, मोरेह, चूड़ाचांदपुर और कांगपोकपी जाकर नागरिकों के प्रतिनिधिमंडल और पीड़ितों से चर्चा की है। श्री शाह ने कहा कि उन्होने राज्य के कैबिनेट मंत्रियों और महिला संगठनों के साथ भी बैठक की। इसके अलावा श्री शाह ने मैतेई समुदाय के कई सीएसओ से और कुकी समुदाय के कई सीएसओ के साथ बैठक की है। उन्होंने इन 2 दिनों में बुद्धिजीवी संगठनों, प्रोफेसर, रिटायर्ड अफसरों और समाज के हर वर्ग के लोगों के साथ शांति बहाल करने के उपायों पर भी चर्चा की है। उन्होंने कहा कि 11 राजनीतिक पार्टियों के साथ भी चर्चा की गई है, इसके अलावा खिलाड़ियों और सभी पार्टियों के चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ भी विचार-विमर्श हुआ है।