नई दिल्ली (हि.स.)। भारतीय नौसेना के लिए गार्डन रीच शिपबिल्डर्स और इंजीनियर्स (जीआरएसई) में बनाई गई दो शैलो वॉटर क्राफ्ट बुधवार को कोलकाता में लॉन्च कर दी गईं। एंटी सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट (एसडब्ल्यूसी) प्रोजेक्ट के तहत निर्मित ‘अग्रे’ और ‘अक्षय’ के लांचिंग समारोह की अध्यक्षता वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने की। समुद्री परंपरा को ध्यान में रखते हुए वायु सेना प्रमुख की पत्नी और वायु सेना परिवार कल्याण संघ की अध्यक्ष नीता चौधरी ने अथर्ववेद के मंगलाचरण के साथ जहाजों का शुभारंभ किया।
भारतीय नौसेना के लिए गार्डन रीच शिपबिल्डर्स और इंजीनियर्स एएसडब्ल्यू शैलो वॉटर क्राफ्ट (एसडब्ल्यूसी) प्रोजेक्ट के तहत आठ जहाजों का निर्माण कर रहा है। आज लॉन्च किये गए जहाज 5वें और छठे हैं, जिनका नामकरण भारतीय नौसेना के पूर्ववर्ती अभय क्लास कार्वेट एग्रे और अक्षय के नाम पर किया गया है। रक्षा मंत्रालय और जीआरएसई के बीच आठ एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों के निर्माण के लिए 29 अप्रैल, 2019 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
पिछले एक वर्ष में भारतीय नौसेना के लिए 03 स्वदेश निर्मित युद्धपोतों, पनडुब्बियों की आपूर्ति की गई है और कुल 09 युद्धपोतों का प्रक्षेपण किया गया है। परियोजना के दो और जहाजों का शुभारंभ जहाज निर्माण में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रति देश के संकल्प को उजागर करता है। परियोजना का पहला जहाज 2024 की पहली छमाही के दौरान वितरित करने की योजना है। एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी, जिससे देश के भीतर रोजगार और क्षमता में वृद्धि होगी।
अर्नाला श्रेणी के जहाज भारतीय नौसेना के सेवारत अभय श्रेणी के एएसडब्ल्यू कार्वेट की जगह लेंगे और इन्हें तटीय जल में पनडुब्बी रोधी अभियानों, कम तीव्रता वाले समुद्री संचालन (एलआईएमओ) और खदान बिछाने के संचालन के लिए डिजाइन किया गया है। एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाज 77.6 मीटर लंबे और 105 मीटर चौड़े हैं, जिनमें 900 टन का विस्थापन और 1800 एनएम से अधिक की सहनशक्ति है।