प्रयागराज (हि.स.)। नार्दन रेलवे मल्टी स्टेट प्राइमरी को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के उप सभापति-संचालक धीरेन्द्र सिंह यादव, अरविन्द कुमार पाण्डेय, रौदास, विक्रम सिंह व अभय कुमार (सभी संचालक) को बैंक प्रबन्ध समिति ने इंडियन रेलवे इम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज कुमार पाण्डेय की शिकायत पर 20 जनवरी को अयोग्य घोषित कर दिया है।
यह जानकारी देते हुए आईआरईएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज पाण्डेय ने देते हुए बताया कि अप्रैल 2022 मे सम्पन्न हुए चुनाव में जारी निर्देश के अनुसार यदि कोई भी रेल कर्मचारी रेलवे के मान्यता प्राप्त यूनियन का पदाधिकारी है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता है। रेलवे की मान्यता प्राप्त यूनियन नार्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन ओर नार्थ सेंट्रल रेलवे इम्पलाइज यूनियन ने अपने-अपने पदाधिकारियों को यूनियन के पदों से त्यागपत्र दिलवाकर बैंक का चुनाव लड़वाया और डेलिगेट का चुनाव जीतने के बाद पुनः यूनियन का पदाधिकारी बना दिया, जो को आपरेटिव बैंक के नियम (बाइलाज) का खुला उल्लंघन है।
मनोज पाण्डेय ने बताया कि डेलिगेट का चुनाव जीतने वाले धीरेन्द्र सिंह यादव (मंडल मंत्री), अभय कुमार (मंडल उपाध्यक्ष), रौदस (कार्यकारी शाखा अध्यक्ष), विक्रम सिंह (शाखा मंत्री), अरविन्द कुमार पाण्डेय (सहायक शाखा मंत्री) को संचालक मण्डल का चुनाव जिता कर मान्यता प्राप्त यूनियन के पदाधिकारी के साथ-साथ बैंक का संचालक बना दिया, जो नियम विरुद्ध था। अयोग्य घोषित किये गये धीरेन्द सिंह यादव मेंस यूनियन के महामंत्री आर.डी यादव का पुत्र है और बैंक के बाइलाज का खुला उल्लंघन मेंस यूनियन के महामंत्री के दबाव मे किया गया। जबकी इसी बैंक के मुरादाबाद मंडल और लखनऊ मण्डल मे कोई भी संचालक मान्यता प्राप्त यूनियन का पदाधिकारी नहीं है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे बताया कि नियम उल्लंघन की शिकायत केंद्रीय निबंधक सहकारिता मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली एवं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से 6 सितम्बर 22 को किया था और पुनः अनुस्मारक पत्र 6 दिसम्बर 23 को दिया। जिस पर केंद्रीय निबंधक और रिजर्व बैंक ने संज्ञान मे लेते हुए बैंक के प्रबंध समिति को कार्यवाही का निर्देश दिया। सहकारिता मंत्रालय और रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप के उपरांत बैंक प्रबंध समिति ने बैंक की उपविधि-27 (जी)एवं 39(स)(ओ) के अंतर्गत कार्यवाही करते हुए सभी को बैंक संचालक अयोग्य घोषित कर दिया। मनोज पाण्डेय ने केंद्रीय निबंधक सहकारिता मंत्रालय, रिजर्व बैंक और बैंक प्रबंध समिति का आभार जताते हुए मांग किया कि उपरोक्त नियम के तहत प्रयागराज मंडल के सभी डेलिगेट (जो मान्यताप्राप्त यूनियन के पदाधिकारी भी हैं) को अयोग्य घोषित करें अन्यथा इसकी शिकायत पुनः की जायेगी।